20 सालों से लिट्टी चोखा लवर्स की ये दुकान है पहली पसंद, स्वाद ऐसा कि कुछ घंटों में चट हो जाती है 500 प्लेट

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अंनत कुमार/ गुमला. अगर आप झारखंड के गुमला शहर में रहते हैं और बिहार का फेमस लिट्टी चोखा का स्वाद लेना चाहते हैं.तो बिना देर किए आ जाइए गुमला के मोहन लिट्टी स्टॉल में. पिछले 20 सालों से मोहन लिट्टी स्टॉल में लिट्टी चोखा मिल रही है.जिसके स्वाद के दीवाने पूरे गुमला वासी है.इनके लिट्टी चोखा का क्रेज ऐसा है कि हर दिन 400 से 500 लोग इनके स्टॉल में पहुंचते हैं.

स्टॉल के संचालक अशोक कुमार प्रसाद ने लोकल 18 को बताया कि जिला में लगभग 20 साल से लिट्टी चोखा बेचने का कार्य कर रहा हूं और शुरुआत 5 रूपया जोड़ा सादा लिट्टी और घी वाला 10 रूपया जोड़ा शुरू किया था.आज सादा 30 रुपया जोड़ा व घी वाला 40 रूपया जोड़ा बेच रहा हूं.स्वाद के कारण लोगों को खूब पसंद भी आ रहा है. हमारे यहां लिट्टी चोखा बेहद ही खास तरीके से तैयार किया जाता है.

ऐसे तैयार होता है लिट्टी चोखा
अशोक ने बताया लिट्टी बनाने के क्रम में शुद्धता का क्या विशेष तौर पर ख्याल रखा जाता है.हम शुद्ध मसाले से लेकर शुद्ध आटे तक का इस्तेमाल करते हैं.कभी भी बासी आटा या सत्तू का इस्तेमाल नहीं करते व हर मसले को बड़ा नापतोल कर डाला जाता है.साथ ही हम बेहद साधारण मसाले जैसे ज्वाइन,मंगरैला, नमक का ही प्रयोग करते है और शुद्ध चना को पिसवाकर सत्तू तैयार किया जाता है. उन्होंने आगे बताया सत्तू मेंलहसुन,गोलकी,ज्वाइन,मंगरैला,नींबू रस, सरसो तेल, नमक इत्यादि मिलाकर हल्का गुंद कर मिश्रण तैयार किया जाता है. फिर आटे के लोई में सत्तू के मिश्रण को भरकर कोयले के धीमे आंच में पकाया जाता है. इस तरह लिट्टी बनकर तैयार होता है.

लिट्टी के साथ चोखा और लहसुन की विशेष चटनी भी
लिट्टी के साथ आपको विशेष चोखा भी मिलेगा जिसमें आलू व टमाटर खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है.वही, लहसुन की एक विशेष चटनी है.जिसको खाने लोग दूर-दूर से आते हैं.लहसुन की चटनी में टमाटर और धनिया पत्ता डाला जाता है.साथ ही इसमें जीरा का छौंक भी पड़ता है. यह लहसुन की चटनी लिट्टी चोखा के स्वाद को और भी दुगना कर देती है.

परोसने का स्टाइल भी है लाजवाब
यहां आपको सिर्फ लिट्टी चोखा चटनी ही नहीं.बल्कि, यहां पर परोसने का स्टाइल भी बड़ा अनोखा है. यहां सखुआ के पत्ते में लिट्टी चोखा मिलेगा व प्याज, फ्राई किया हुआ मिर्च भी ऊपर से डाला जाता है.अशोक कुमार बताते हैं यहां पर हर दिन करीब15 किलोग्राम आटा ,5 किलो सत्तू,15 किलो आलू, 10 से 12 किलो टमाटर, 5 किलो प्याज,1 किलो हरा मिर्च, 2 किलो घी की खपत होती है.

2 से 9 बजे तक लगती है दुकान
दुकान पर खाने आए ग्राहक मो. कलाम आलम ने बताया यहां पर जिस तरह घी में पूरी तरह डुबोकर लिट्टी दिया जाता है.ऐसा पूरे गुमला में कहीं नहीं मिलता.इसका स्वाद बिल्कुल लाजवाब है.क्योंकि इनका घी शुद्ध होता है.इसलिए सेहत भी ठीक रहता है. तो अगर आप भी यह लिट्टी चोखा चखना चाहते हैं तो फटाफट आ जाइए जिला मुख्यालय के टावर चौक के समीप तिवारी स्टोर के पास दोपहर के 2 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक यह स्टॉल लगती है.

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