कई फ्लेवर वाली शिकंजी का स्वाद कहीं और नहीं मिलेगा, करोल बाग में ‘सरदार जी शिकंजी वाले’ पर आकर पीएं, देखें VIDEO

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Sardar ji shikanji vale: आजकल गर्मी में उमस बढ़ चली है. इतना पसीना निकल रहा है कि शरीर और मन लगातार पानी की मांग करता रहता है. ऐसे में पीने को अगर ठंडी-ठंडी शिंकजी मिल जाए तो दिल-दिमाग-शरीर कूल-कूल महसूस होने लगे. अगर हम कहें कि गर्मी के दौरान शरीर को कूल रखने का पुराना पेय पदार्थ शिकंजी ही है तो गलत नहीं होगा. सालों पुरानी शिकंजी का चलन आज भी जारी है.

बस बदलाव यह हुआ है कि पहले नींबू की ही शिकंजी मिलती थी, अब उसमें कई मजेदार फ्लेवर आ गए हैं. आज हम आपको सालों पुरानी ऐसी ही शिकंजी की दुकान पर लेकर जा रहे हैं, जहां का फ्लेवर मन मोह लेता है.

जानलेवा गर्मी में राहत देने का काम करती है शिकंजी
दिल्ली की गर्मी को तो सब जानते ही हैं. पहले सूखी गर्मी पड़ती है, जिसमें लू चलती है. उसके बाद उमस वाली जानलेवा गर्मी शुरू हो जाती है. इनसे बचाव के लिए राजधानी में कई उपाय हैं. कहीं आइसक्रीम मिलेगी तो कहीं पर ठंडा कोल्ड ड्रिंक्स, चिल्ड पानी की बोतलें भी आपकी प्यास बुझा सकती हैं. आजकल यही गर्मी चल रही है. इससे बचने का एक ही उपाय है कि शरीर में लगातार पानी की आपूर्ति की जाए. या कुछ ऐसा पिया जाए, जो देर तक शरीर में पानी की कमी पूरी करे. उसके लिए हम आपको ‘सरदार जी शिकंजी वाले’ पर लिए चलते हैं. करोल बाग के रैगरपुरा में तांगा स्टैंड नाम से जगह है, अब वहां तांगा नहीं मिलते, लेकिन नाम है. यहीं पर यह दुकान है. आजकल तो इस दुकान पर शिकंजी पीने वालों का मजमा सा लगा रहता है.

‘सरदार जी शिकंजी वाले’ की दुकान करोल बाग के रैगरपुरा में है.

‘सरदार जी शिकंजी वाले’ की दुकान करोल बाग के रैगरपुरा में है.

मिलती है कई तरह की शिकंजी
इस दुकान पर करीब आठ प्रकार की शिकंजी मिलती है. इनमें इनमें बंटा लेमन, पुदीना, आम पना, ओरेंज, जीरा, रोज, रूह अफज़ा आदि शामिल हैं. शिकंजी बनाने का तरीका शानदार है. गिलास में पसंद का फ्लेवर डाला जाता है, उसमें अंदर स्पेशल मसाला, फिल्टर वॉटर, बर्फ डालकर उसे प्लास्टिक के एक जार में बंद कर खूब हिलाया जाता है. फिर झनझनाते हुई शिकंजी को गिलास डालकर में पेश कर दिया जाता है. पीते ही आत्मा तक में ठंड पहुंच जाती है. आप चाहें तो सोडे में भी इस फ्लेवर का मजा ले सकते हैं. साइज के हिसाब से 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का गिलास है. सब कुछ एकदम फ्रेश. तन-दिमाग में ठंडक ही ठंडक.

शिकंजी में डाला जाता है सीक्रेट मसाला
यह शिकंजी लेमन करीब 60 साल ये यहां बेची जा रही है. वर्ष 1960 में सरदार राजेंद्र सिंह दुआ ने यहीं चौक पर करीब 45 साल तक लोगों को फ्रेश शिकंजी का स्वाद पिलाया. वर्ष 2009 में बगल में दुकान ले ली गई. अब उनके बेटे सुरेंद्र सिंह दुआ इस दुकान को चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारा खानदानी काम है. इसलिए सारे फ्लवरों की खोज खुद की गई. लोगों को पसंद आई तो और फ्लेवर जोड़ दिए. अपना सीक्रेट मसाला है. उसे अलग से भी बेचा जाता है. उन्होंने बताया कि पापाजी ने एक परंपरा शुरू की थी कि सरकारी स्कूलों के जरूरतमंद बच्चों को फ्री में पेन-पैंसिल दी जाए. यह काम जारी है.

‘सरदार जी शिकंजी वाले’ की दुकान पर कई तरह के फ्लेवर्स मिलते हैं.

‘सरदार जी शिकंजी वाले’ की दुकान पर कई तरह के फ्लेवर्स मिलते हैं.

दुकान सुबह 10 बजे खुल जाती है और रात 10 बजे तक शिकंजी का मजा लिया जा सकता है. होली से दीवाली तक शिकंजी मिलती है और दीवाली से होली तक ड्राई फ्रूट्स बेचा जाता है. कोई अवकाश नहीं है. करोल बाग मेट्रो स्टेशन से दुकान तक आया जा सकता है.

Tags: Food, Lifestyle, Street Food

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