Pilot Vs Gehlot: नए कोल्ड वार की शुरुआत, एक तरफ चिंतन शिविर दूसरी ओर किसान रैली, पढ़ें अपडेट

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हाइलाइट्स

अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट कोल्ड वार अपडेट
राजस्थान कांग्रेस में फिर से तेज हुई राजनीतिक सरगर्मियां
गहलोत कर रहे हैं चिंतन शिविर तो पायलट जुटे किसान रैली में

जयपुर. राजस्थान में एक बार से सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot) के बीच राजनीतिक कोल्ड वार शुरू होने जा रहा है. एक तरफ सचिन पायलट सोमवार से राजस्थान में किसान रैलियों की शुरुआत करने जा रहे हैं, वहीं सीएम गहलोत आज से राजधानी जयपुर में दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन कर रहे हैं. इस चिंतन शिविर में गहलोत सरकार अपने चार साल के कार्यकाल पर मंथन करेगी. शिविर में गहलोत सरकार के मंत्री अपने चार साल के कामकाज का प्रजेंटेशन देंगे. वहीं पायलट किसानों के साथ अपना दमखम दिखाएंगे.

गहलोत सरकार के चिंतन शिविर में कांग्रेस के घोषणा-पत्र और बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर रिपोर्ट पेश की जाएगी. इसमें सरकार की उपलब्धियों को रखा जाएगा और कमजोरियों को इंगित कर उसमें सुधार की गुंजाइश देखी जाएगी. पिछले कई दिनों से इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी. प्रजेंटेशन के लिए सभी विभागों से पूरा डाटा मांगा गया था. प्रत्येक मंत्री दस-दस स्लाइड के जरिए अपने-अपने विभाग का लेखा जोखा रखेंगे.

पायलट नागौर से कर रहे हैं किसान रैलियों की शुरुआत
दूसरी तरफ गहलोत के चिर परिचित प्रतिद्वंदी सचिन पायलट सोमवार को राजस्थान में किसान रैलियों के जरिए अपना दमखम दिखाने के लिए मैदान में उतर रहे हैं. पायलट किसान रैलियों की शुरुआत नागौर जिले से करेंगे. पहली रैली नागौर के परबतसर में होगी. रैली की शुरुआत दोपहर 12 बजे से होगी. इसके लिए पायलट खेमा पूरा जोर लगा रहा है कि वे किसानों की भारी भीड़ एकत्र पावर शो करे.

आपके शहर से (जयपुर)

भारत जोड़ो यात्रा में हाथ तो मिले लेकिन दिल नहीं मिल पाए
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पार्टी ने दोनों खेमों को मिलाने का भरपूर प्रयास किया था. सतही तौर पर गहलोत और पायलट साथ भी आए. हाथ भी मिलाए लेकिन दिल नहीं मिल पाए. पायलट खेमा जहां पार्टी की ओर से किए गए पुराने वादे पूरे करने पर जोर दे रहा है वहीं गहलोत खेमा उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलने देने के लिए जोर लगा रहा है.

दोनों खेमे जोर आजमाइश में लगे हैं
वहीं पार्टी दोनों में से किसी भी खेमे को दरकिनार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. पायलट खेमे को लगता है कि चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं है लिहाजा दमखम दिखाना होगा. वहीं गहलोत खेमे का प्रयास है कि चुनाव तक वह अपनी ताकत को बनाए रखे. विधानसभा चुनाव के समय तो शायद समीकरण गड़बड़ा जाए. लिहाजा राजस्थान कांग्रेस में गहलोत और पायलट के बीच चल रहा यह कोल्ड वार आगे और भी कई रंग दिखा सकता है.

Tags: Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot, Jaipur news, Rajasthan Congress, Rajasthan news, Rajasthan Politics

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