10 types of cots made in nagaur, increasing trend of multipurpose cots – News18 हिंदी

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रिपोर्ट – कृष्ण कुमार
नागौर. खाट-खटिया या चारपायी तो आप लोग जानते होंगे. बहुत से लोगों के घर में चारपायी होगी भी. शहरों में भले ही ये कम हो गयी हों लेकिन ग्रामीण इलाकों में खाट का प्रचलन आज भी है. आज हम आपको राजस्थान के नागौर की खाट के बारे में बताते हैं. यहां 10 तरह की खाट बनती है. इनकी कीमत तौल के आधार पर तय होती है.

खाट का नाम सुनते है सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्र की याद आती है. समय के साथ शहरों में खाट का उपयोग भले ही कम हो गया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी खाट की उपयोगिता कम नहीं हुई है. ग्रामीण क्षेत्र में आज भी लोग घरों मे बैठने और सोने के लिए खाट का उपयोग करते हैं. आज आपको बताते हैं नागौर में कितनी प्रकार की खाट होती हैं और इसे कैसे बनाया जाता है.

खाट का पुश्तैनी धंधा
खाट बनाने और उसका व्यापार करने वाले मुजाइद इस्लाम बताते हैं उनका ये पुश्तैनी धंधा है. उनके पुरखे खाट बनाने का काम पिछले 100 साल से कर रहे हैं. परदादा, दादा, पिता और अब वे खुद ये काम कर रहे हैं. पहले लकड़ी की खाट ज्यादा बनाई जाती थी. लेकिन अब लकड़ी के बजाय लोहे की खाट का प्रचलन बढ़ा है. लेकिन लौहे की बजाय लकड़ी की खाट मजबूत मानी जाती है.

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10 तरह की खाट
मुजाइद बताते हैं वो 10 प्रकार की खाट बनाना जानते हैं. सिंगल इस्स, डबल इस्स, फोल्डिंग, नियार, चीस, सूत, लकड़ी, तार की खटिया. आज के समय में लौहे की खाट का प्रचलन बढ़ गया है. लेकिन गांव में आज भी लकड़ी की खाट ही उपयोग की जाती है.

खाट है शान की निशानी
मुजाइद की दुकान पर मौजूद ग्राहक तिलोकाराम ने कहा आज भी गांव में खाट रखना लोग अपनी शान मानते हैं. जब भी मेहमान आते हैं तो उनके बैठने के लिए खाट बिछाई जाती है. खाट पर सोने से शरीर को आराम मिलता है. मुजाइद का कहना है खाट पर सोने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है.

एक खाट-सौ काम
समय के साथ ट्रेंड भी बदल गया है. अब एक मल्टीपर्पस खाट बनाई जाती है. इस खाट की विशेषता ये होती है कि इसका उपयोग सोने के लिए, मकान का काम कर रहे हैं तो बजरी से ककड़ पत्थर अलग करने के लिए, मूंग की फलियों को फोड़कर दाना अलग करने के लिए और खेत में पड़ी फसल को इकट्टा करने के लिए किया जाता है.

अब कीमत भी सुन लीजिए
मुजाइद इस्लाम का कहना है पूरी लकड़ी की खाट 12000 रुपये तक में आती है. यदि लोहे की खाट खरीद रहे हैं तो पीस और वजन के आधार पर इनकी कीमत तय होती है. सबसे सस्ती खाट 500 रुपये की है. तौल के आधार पर 100 रुपये किलो के हिसाब से खाट का वजन तय किया जाता है.

Tags: Local18, Nagaur News

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