शिंदे गुट ने बढ़ाई उद्धव ठाकरे की चिंता, पार्टी में एकजुटता बनाए रखने के लिए करेंगे महाराष्ट्र का दौरा

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हाइलाइट्स

अगले सप्ताह महाराष्ट्र के दौरे पर जाएंगे उद्धव ठाकरे- सूत्र
राज्य के हर जिले में कार्यकर्ताओं से करेंगे बात
कई बड़े नेताओं के शिंदे गुट में शामिल होने की खबरें

मुंबई: शिवसेना में जारी टूट को रोकने के लिए अब उद्धव ठाकरे खुद मैदान में उतरने जा रहे हैं. इस टूट को विराम लगाने के लिए उद्धव ठाकरे जल्द ही महाराष्ट्र का दौरा करने जा रहे हैं. इस दौरान उद्धव ठाकरे की कोशिश शिवसेना के कार्यकर्ताओं को एकजुट बनाए रखने और उनमें विश्वास जगाने की होगी, ताकि बिखराव को रोका जा सके. सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे अगले सप्ताह राज्य का दौरा करेंगे.

एकनाथ शिंदे गुट के बगावत करने के बाद से ही उनके समर्थन में ठाणे से पार्टी में टूट होने का जो सिलसिला जारी हुआ था, वह बदस्तूर अब भी जारी है. महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में आज ही शिवसेना के कई पदाधिकारियों ने शिंदे गुट का दामन थामा है. इतना ही नही, जानकारी यह भी सामने आ रही है कि जल्द ही संजय मांडलिक और भावना गवली समेत कई सांसद भी शिंदे कैम्प को जॉइन कर सकते हैं. लगातार हो रही इस तरह की टूट ने उद्धव ठाकरे की चिंता बढ़ा दी है और उनके सामने अपनी पार्टी को बचाने और आने वाले दिनों में कई महानगरपालिकाओं के चुनाव में उसे लड़ने लायक बनाने की दोहरी चुनौती है. जानकारी के मुताबिक अपने दौरे के दौरान उद्धव ठाकरे हर जिले के जाकर कार्यकर्ताओं के बैठकें और संवाद करेंगे.

ठाणे जिले में कई कार्यकर्ता शिंदे गुट में शामिल

दरअसल एकनाथ शिंदे सहित पार्टी के 41 विधातकों के बगावत करने के बाद पहली टूट ठाणे जिले में हुई, जहां 67 में से 66 नगरसेवकों ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया. इसके बाद कल्याण-डोम्बिवली, उल्हासनगर, अंबरनाथ, नवी मुम्बई, बदलापुर में भी ज्यादातर नगरसेवकों और पदाधिकारियों ने उद्धव गुट छोड़कर शिंदे गुट जॉइन कर लिया. इसके बाद टूट का सिलसिला कोल्हापुर, कोंकण क्षेत्र सहित राज्य के कई अन्य जिलों में जारी रहा. इस टूट को रोकने में उद्धव ठाकरे अब तक नाकाम रहे हैं.

विधायकों के टूटने के बाद अपने सांसदों के टूटने का भी डर उद्धव के मन में बना हुआ है. इस डर के चलते उन्होंने अपने सांसदों की मांग को मानते हुए राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देना पड़ा,जबकि उनकी पार्टी विपक्ष में है. इतना ही नही, उद्धव के सामने पार्टी के सिम्बल को भी बचाने की चुनौती है, क्योंकि 2/3 की मेजॉरिटी शिंदे गुट के पास है और वह दावा कर सकते हैं. ऐसे में देखना यह अहम होगा कि उद्धव अपनी पार्टी में टूट को कैसे रोकते हैं और महानगरपालिकाओं के चुनाव में बीजेपी-शिंदे गुट को कैसे टक्कर देते हैं.

Tags: Eknath Shinde, Uddhav thackeray

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