बचपन में परिवार ने बेच डाला, ठोकरें खाकर कटी जवानी, एक्टिंग से कमाया नाम, आज 12 देशों में चलता है सिक्का

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मुंबई. पूरे देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव 2024 का माहौल बना है. चौतरफा चुनाव की चर्चा और अगली सरकार की चुनौतीपूर्ण कसौटी को लेकर सभी व्यस्त हैं. ऐसे में 8 अप्रैल को किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम अचानक सुर्खियां बटोरने लगा.

किन्नर हिमांगी सखी ने काशी से लोकसफभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खिलाफ ही पर्चा दाखिल कर दिया था. हालांकि अब किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने अपना नामांकन वापिस ले लिया है. महामंडलेश्वर हिमांगी की असल जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रही. बचपन में हिमांगी को उनके ही परिवार ने बेच दिया था.

दर-दर ठोकरें खाकर कटी जवानी

इसके बाद जवानी दर-दर की ठोकरें खाकर काटने वाली हिमांगी को फिल्मों की दुनिया ने पहचान दिलाई. अपनी मेहनत की दम पर हिमांगी ने भविष्य के सारे सितारे पलट दिए. आज हिमांगी का 12 से ज्यादा देशों में सिक्का चलता है. दुनिया के कई देशों में महामंडलेश्वर हिमांगी ने कथा प्रवचन कर लिया है. हिमांगी की जिंदगी पर 1 वेबसीरीज भी बन चुकी है. इस वेबसीरीज का नाम है ‘ताली’ (Taali). इस सीरीज में सुष्मिता सेन ने लीड रोल निभाया था. इस सीरीज को काफी पसंद किया गया. इतना ही नहीं सुष्मिता सेन की भी इस सीरीज में खूब तारीफ की गई थी.

इस मामले में दुनिया की पहली ट्रांसजेंडर हैं हिमांगी

किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी ने ये खास मुकाम संघर्षों का एक समुद्र पार कर हासिल की है. किन्नर हिमांगी दुनिया की पहली ऐसी ट्रांसजेंडर हैं जो भगवत गीता के प्रवचन देती हैं. किन्नर हिमांगी ने एक इंटरव्यू में खुद बताया था, ‘मेरा जन्म गुजरात के बड़ौदा शहर में हुआ था. हिमांगी के पिता राजेंद्र मुंबई में फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर का नाम करते थे. लेकिन बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया था. इसके बाद हिमांगी के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.’ हिमांगी ने मुंबई से ही स्कूलिंग की, लेकिन जल्द ही स्कूल छूट गया. बचपन में ही उनके साथ काफी दुर्वव्यवहार भी हुआ. हिमांगी ने बचपन में काफी दुखों का सहन किया और जवानी में दर-दर की ठोकरें खाईं.

बचपन से ही झेला उत्पीड़न

भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हिमांगी के परिवार के सदस्य ने उन्हें बचपन में बेच तक दिया था. हिमांगी का बचपन से ही आध्यात्म के प्रति झुकाव रहा है. मुंबई में हिमांगी ने इस्कॉन टैंपल में जाना शुरू कर दिया. साल 2005 में आई फिल्म ‘शबनम मौसी’ में भी हिमांगी ने काम किया. यहीं से फिल्मों का सफर शुरू हो गया. फिल्म में आशुतोष राणा ने लीड रोल निभाया था. इस फिल्म से हिमांगी को काफी नाम मिला. हालांकि हिमांगी चंद सालों बाद ही मथुरा चली गईं और शास्त्रों का अध्ययन करने लगीं. हिमांगी ने यहां सभी शास्त्रों को ध्यान से पढ़ा और महामंडलेश्वर की उपाधी हासिल की.

किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी अब अखिल भारतीय हिंदु महासभा के साथ भी जुड़ी हैं. इसी संगठन के टिकट पर हिमांगी ने काशी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नामांकन तक कर दिया था. हालांकि अब ये नामांकन वापिस ले लिया है. हिमांगी अब 5 भाषाओं में कथा सुनाती हैं. हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी के साथ अन्य भाषाओं में हिमांगी का सिक्का चलता है. इसके साथ ही हिमांगी भारत समेत 12 से ज्यादा देशों में अपनी कथा सुना चुकी हैं.

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