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Why do we soak Dals, Rice, Rajma before Cooking: भारतीय रसोइयों में खाना बनाने में चीजों को भिगोकर रखने का अहम महत्व है. दाल, चावल, राजमा या फिर छोले, कुछ भी बनाने से पहले उसे भिगोया जरूर जाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि भिगोने से दाल-चावल आदि नरम हो जाता है, इसलिए इन्हें भिगोया जाता है. ये भी एक अहम वजह है, लेकिन ये असली वजह नहीं है. अक्सर लोग समझते हैं कि दाल-चावल आदि गलाने से ये जल्दी पक जाते हैं और कुकिंग में कम समय लगता है. सिर्फ यही एक वजह है, जिसके चलते सालों से हमारी दादी-नानी और मम्मियां इन्हें भिगोते आ रही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. बल्कि इसके पीछे की असली वजह है दालों, अनाजों में पाया जाने वाला एक एसिड. आखिर क्या है ये ऐसिड और कैसे ये आपकी सेहत के लिए हानिकारक है आइए आपको बताते हैं.
क्या है फाइटिक एसिड
शेफ पंकज भदौरिया बताती हैं कि फाइटिक एसिड पौधों के बीजों में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक पदार्थ है. दरअसल ये आपके शरीर में पोषक तत्वों के एब्जॉर्ब होने में परेशानी खड़ी करता है. हमारे भोजन से हमें कई पोषक तत्व मिलते हैं. लेकिन फाइटिक एसिड आयरन, जिंक और कैल्शियम के शरीर में अवशोषित होने में बाधा पैदा करता है. इससे शरीर में मिनरल्स की कमी होने का खतरा बना रहता है. इसीलिए इसे अक्सर पोषक-विरोधी कहा जाता है.
इसे ऐसे समझें कि यदि आपकी दालों-चावल, राजमा, छोले में पाया जाने वाला ये फाइटिक एसिड यदि आपके शरीर में होगा तो आपका शरीर जरूरी मिनरल्स को अब्जॉर्ब ही नहीं करेगा और शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी.
दाल बनाने से पहले उसे भिगोकर आप उसे अपने लिए सुपाच्य बनाते हैं.
भिगोने से क्या होता है फायदा
फाइटिक एसिड वॉटर सॉल्यूएबल होता है. यानी ये पानी में घुल जाता है. आप जब दालों-चावल, राजमा, छोले आदि को पानी में भिगोकर रखते हैं, तो इनमें पाया जाने वाला फाइटिक एसिड पानी में घुलकर बाहर निकल जाता है. इसलिए जिस पानी में आप चावल, छोले, राजमा आदि को भिगोकर रखें उसे बदलकर ही खाना चढ़ाना चाहिए.
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Tags: Eat healthy, Food, Tips and Tricks
FIRST PUBLISHED : April 16, 2024, 15:30 IST
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