चीनी सेना को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, ITBP ने सबसे ऊंची जगह पर बनाया माउंटेन वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल

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हाइलाइट्स

आईटीबीपी ने पहला वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल उत्तर पूर्व में सिक्किम के डोमबांग पहाड़ पर खोला है
डोमबांग में जो नया स्कूल बनाया गया है वह 10,040 फुट की ऊंचाई पर बना है

नई दिल्ली. पिछले दो साल से एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी नापाक हरकतों से चीनी सैनिक बाज नहीं आ रही है. गलवान घाटी के पास दो साल से वहां डेरा जमाए हुए है और कई दौर की बैठकों के बाद सहमति बन जाने पर भी वहां से पीछे नहीं हटती. भारतीय जाबांज भी वहां से टस से मस होने के लिए तैयार नहीं है. दो साल पहले गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की नापाक हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना ने भी जबर्दस्त तैयारी कर ली है और भारत चीनी सैनिकों की चुनौतियों का सामना करने के लिए भविष्य की तैयारियां भी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में भारत तिब्बत बॉर्डर पुलिस यानी आटीबीपी ने पूर्वोत्तर में सबसे ऊंची चोटी पर अपना पहला माउंटेन वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल खोल लिया है. इस स्कूल में प्रशिक्षण के बाद भारतीय सैनिक चीनी सीमा से लगे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के किसी भी दुःसाहस का मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम हो सकेगा.

ऑली के पास माउंटेनियरिंग एंड स्कीइंग इंस्टीट्यूट
आईटीबीपी ने पहला वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल उत्तर पूर्व में सिक्किम के डोमबांग पहाड़ पर खोला है. लगभग पांच दशक के बाद यह योजना साकार हुई है. इससे पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में ऑली के पास इस तरह का एक स्कूल माउंटेनियरिंग एंड स्कीइंग इंस्टीट्यूट है. इसकी स्थापना 1973-74 में हुई थी. इससे पहले पहाड़ों पर लड़ाई के प्रशिक्षण के लिए यह भारत का एकमात्र स्कूल है. यही पर अब तक आईटीबीपी के जवानों सहित अन्य जवानों पर पहाड़ पर लड़ाई के लिए प्रशिक्षित किया जाता रहा है. अब आईटीबीपी का नया माउंटेन वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल में अत्याधुनिक युद्ध कौशल सिखाया जाएगा.

10,040 फुट की ऊंचाई नया वारफेयर ट्रेनिंग स्कूल
ऑली में माउंटेनियरिंग एंड स्कीइंग इंस्टीट्यूट हिमालयन रेंज में 9000 फुट की ऊंचाई पर है जबक डोमबांग में जो नया स्कूल बनाया गया है वह 10,040 फुट की ऊंचाई पर बना है. यह सिक्किम के डोमबांग में स्थित है. यह भारत-चीन एलएसी के पास है और यहां भारत और चीन 220 किलोमीटर एलएसी साझा करता है. आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिक्किम में इस ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की संकल्पना इस उद्येश्य से किया गया कि यहां पर नई भर्ती हुए रंगरूटों को पहाड़ पर युद्धकौशल की बारीकियां समझाई जाए. इसके अलावा ऊंचे पहाड़ों पर कैसे खुद को जिंदा रखना है, कैसे चोटियों पर चढ़ना है और कैसे पेट्रोलिंग की जाए, इस बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा. देश में बहुत दिन से ऑली के अलावा अन्य जगह पर इस तरह के प्रशिक्षण स्कूल की जरूरत थी.

चीन के साथ टकराव के मद्देनजर नया प्रशिक्षण केंद्र बेहद महत्वपूर्ण
आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चीन के साथ सैन्य गतिरोध और सीमा विवाद के कारण चीनी कर्मियों के साथ लगातार टकराव की वर्तमान पृष्ठभूमि को देखते हुए नया प्रशिक्षण केंद्र बल के लिए महत्वपूर्ण है. एक अन्य अधिकारी ने कहा, कहा, इसका (सिक्किम केंद्र) का उद्घाटन पिछले साल सितंबर में आईटीबीपी के महानिदेशक संजय अरोड़ा ने किया था और इसकी प्रतिक्रिया अच्छी रही है क्योंकि 80 प्रशिक्षुओं वाले दो बैच पहले ही वहां से पास आउट हो चुके हैं.

Tags: China, ITBP, LAC

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