ऑपरेशन कावेरी: सूडान से निकाले गए 1191 भारतीयों में से 117 को क्वारंटाइन में रखा गया, जानिए क्या है वजह

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नई दिल्ली. ऑपरेशन कावेरी के तहत गृहयुद्ध ग्रस्त सूडान से निकाले गए 1,191 भारतीयों में से 117 को पृथकवास में रखा जा रहा है क्योंकि उन्होंने पीत बुखार से बचाव का टीका नहीं लगवाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि वह ऑपरेशन कावेरी में विदेश मंत्रालय से करीबी समन्वय कर रहा है.

मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार भारतीय मूल के करीब तीन हजार यात्रियों को निकाल रहा है. आने वाले यात्रियों के लिए ट्रांजिट जंक्शन पर जरूरी पृथकवास सुविधा मिशन के तहत तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया, ‘अबतक कुल 1,191 यात्री आए हैं जिनमें से इस समय 117 लोग पृथकवास में हैं क्योंकि उनका पीत बुखार से बचाव के लिए टीकाकरण नहीं हुआ है. सभी यात्रियों को अगले सात दिन तक कोई लक्षण नहीं होने पर जाने की अनुमति दे दी जाएगी.’

मंत्रालय ने बताया कि पृथकवास के दौरान इन यात्रियों के लिए मुफ्त रहने, खाने की सुविधा दी जा ही है जिसका प्रबंधन हवाई अड्डा स्वास्थ्य अधिकारी (एपीएचओ) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय कर रहा है.

सूडान में संघर्ष के बीच मृतक संख्या बढ़कर 400 से अधिक हुई
इस बीच, सूडान के दो शीर्ष जनरल के बीच संघर्षविराम होने के बावजूद देश की राजधानी खार्तूम के कुछ हिस्सों में शनिवार को गोलाबारी और भारी गोलाबारी जारी रही. देश के दो जनरल के बीच सत्ता के लिए होने वाले संघर्ष में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों को अपना जीवन बचाने के लिए भागना पड़ा है.

सूडान डॉक्टर्स सिंडिकेट के मुताबिक, जान गंवाने वाले नागरिकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 411 हो गई. समूह ने कहा कि संघर्ष में अब तक 2,023 अन्य नागरिक घायल हुए हैं. संघर्षग्रस्त पश्चिमी दारफुर की प्रांतीय राजधानी जेनेना शहर में हिंसा में 89 लोग मारे गए हैं. जनरल अब्दुल-फतह बुरहान के नेतृत्व में सूडान की सेना और जनरल मोहम्मद हमदान डागलो के नेतृत्व में ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ के बीच सत्ता संघर्ष ने सूडान के लोकतांत्रिक देश बनने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

Tags: Indian, Sudan conflict

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