CAT परीक्षा में 2 बार 100% लाकर भी नहीं किया जॉब, रवींद्रन ने बनाई BYJU’s कंपनी, आज 30 हजार करोड़ के मालिक

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हाइलाइट्स

रवींद्रन एक नहीं, बल्कि 2-2 बार कैट परीक्षा में 100 परसेंटाइल अंक प्राप्‍त किया.
पत्‍नी दिव्‍या गोकुलनाथ के साथ मिलकर साल 2015 में BYJU को शुरू किया.
दिव्‍या गोकुलनाथ ने भी साल 2011 में थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की.

नई दिल्‍ली. ऑनलाइन एजुकेशन प्‍लेटफॉर्म बाईजू (BYJU’s) एक बार फिर चर्चा में है. कंपनी के फाउंडर के कई ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे हैं. उन पर विदेशी विनिमय प्रबंधन (FEMA) के नियमों का उल्‍लंघन करने का आरोप है. इससे पहले 2023 की शुरुआत में भी BYJU चर्चा में आई थी, तब कंपनी ने अपने प्‍लेटफॉर्म से एकसाथ 1,500 लोगों को निकाल दिया था. BYJU के बिजनेस को लेकर भले ही कुछ भी आरोप लगे हों, लेकिन इस कंपनी की शुरुआत और सफलता की कहानी बड़ी रोचक है.

दरअसल, कंपनी के फाउंडर रवींद्रन शुरू से ही काफी मेधावी थे और डिग्री के बाद उन्‍होंने बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई के कैट (CAT) की परीक्षा भी दी थी. रवींद्रन एक नहीं, बल्कि 2-2 बार कैट परीक्षा में 100 परसेंटाइल अंक लाकर भी नौकरी की तरफ नहीं गए और अपनी कंपनी शुरू कर दी. रवींद्रन ने अपनी पत्‍नी दिव्‍या गोकुलनाथ के साथ मिलकर साल 2015 में BYJU को शुरू किया और धीरे-धीरे उनके प्‍लेटफॉर्म का बिजनेस बढ़ने लगा.

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पहले भी किया था बिजनेस
ऐसा नहीं है कि रवींद्रन ने BYJU से ही अपना पहला बिजनेस शुरू किया. केरल के अझीकोड गांव में जन्‍मे रवींद्रन ने कन्‍नूर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक (B Tech) करने के बाद CAT के एग्‍जाम में दो बार 100 फीसदी अंक हासिल किए. इसके बाद कुछ समय तक जॉब भी किया, लेकिन अपना काम शुरू करने की इच्‍छा के कारण यहां मन नहीं लगा. आखिरकार जॉब छोड़कर साल 2007 में खुद की कंपनी शुरू की. यह कंपनी CAT परीक्षा देने वालों की मदद करती थी और उन्‍हें पढ़ाकर एग्‍जाम पास कराने का काम करती थी.

पत्‍नी भी कम नहीं
ऐसा नहीं कि सिर्फ रवींद्रन ही बिजनेस सोच के हैं, उनकी पत्‍नी दिव्‍या गोकुलनाथ ने भी साल 2011 में थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think and Learn Private Limited) नाम से कंपनी शुरू की. इसके 4 साल बाद उन्‍होंने बाईजू का मेन ऐप लांच किया था. फोर्ब्‍स के अनुसार, Byju में रवींद्रन, उनकी पत्‍नी दिव्‍या और भाई रीजू रवींद्रन की अच्‍छी-खासी हिस्‍सेदारी है. रवींद्रन ने साल 2020 में एक सोशल इनीशिएटिव ‘एजुकेशन फॉर ऑल’ शुरू किया था. इस अभियान का मकसद साल 2025 तक देश के 50 लाख बच्‍चों तक अच्‍छी शिक्षा पहुंचाना था.

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कई बड़े प्‍लेटफॉर्म को खरीदा
Byju ने मुंबई के कोडिंग प्‍लेटफॉर्म व्‍हाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr) को खरीद लिया, जो बच्‍चों को कोडिंग सिखाने का काम करती है. इसके अलावा रवींद्रन की अगुवाई में बाईजू ने सिंगापुर से अपना कारोबार करने वाले प्‍लेटफॉर्म टॉपर (Toppr) को भी जुलाई, 2021 में खरीद लिया. इसके बाद ऑफलाइन टेस्‍ट की तैयारी करने वाले समूह आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (Akash Educational Services) का अधिग्रहण भी बाईजू ने कर लिया. इस तरह रवींद्रन के पास हर एजुकेशन की हर फील्‍ड में एक ब्रांड बन गया.

अभी कितनी संपत्ति के मालिक
रवींद्रन अब सिर्फ एजुकेशन ऐप के फाउंडर ही नहीं, अच्‍छे और सफल निवेशक भी हैं. वह एजुकेटर होने के साथ एक सफल एंटरप्रोन्‍योर भी हैं. फोर्ब्‍स के अनुसार, रवींद्रन की कुल संपत्ति देखें तो उन्‍होंने अब तक कुल 3.6 अरब डॉलर यानी करीब 30 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है. अगर भारतीय अरबपतियों की ग्‍लोबल लिस्‍ट को देखें तो उनकी फैमिली 994वें नंबर पर आती है. बीते 3 साल में रवींद्रन ने अरबपतियों की सूची में 1,005 पायदान की छलांग लगाई है.

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