ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों के पास पहुंची सान्या मल्होत्रा, बोलीं- ‘अच्छा माहौल देने से बनेगा सीखने का बेहतर माहौल’

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मुंबई. एक्‍ट्रेस सान्या मल्होत्रा ने न्यूरोडायवर्जेंट से जूझ रहे लोगों के लिए कहा है कि ऐसे लोगों के लिए एक लचीला सीखने का माहौल बनाना महत्वपूर्ण है. अप्रैल में ऑटिज्म जागरुकता माह मनाया जाता है. यह महीना ऑटिज्म के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है.

न्यूरोडायवर्जेंट एक दिमागी विकार है जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में अंतर के कारण उत्पन्न होने वाली एक विकास संबंधी विकलांगता है. हाल ही में फिल्‍म ‘सैम बहादुर’ में नजर आने वाली एक्‍ट्रेस सान्या ने न्यूरोडायवर्जेंट व्यक्तियों के लिए एक विशेष स्कूल ‘सो-हम स्माइल्स’ के उद्घाटन समारोह में भाग लिया.

थेरेपी सेंटर से कहीं बेहतर है स्कूल

यह स्कूल एक एनजीओ द्वारा समर्थित है जो न्यूरोडायवर्जेंट लोगों को देखभाल और सहायता प्रदान करता है. सान्या का मानना है कि स्कूल सिर्फ एक थेरेपी सेंटर से कहीं अधिक है, यह समावेशिता, सशक्तिकरण और करुणा का भी प्रतीक है. एक्‍ट्रेस ने कहा कि मैं वास्तव में खुश हूं कि यह केंद्र खुल रहा है जो न्यूरोडायवर्जेंट व्यक्तियों को सहायता प्रदान करेगा, ये समय की मांग है. इन लोगों के लिए जीवन कौशल और स्वतंत्र जीवन पर एक लचीला माहौल ढूंढना महत्वपूर्ण है. सान्या ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए इन बच्चों और वयस्कों की स्वीकार्यता और जगह पाना अनिवार्य है. मुझे यकीन है कि केंद्र असंख्य जिंदगियों पर बेहतर प्रभाव डालेगा.

Tags: Sanya Malhotra

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