When Kader Khan had fallout with Amitabh Bachchan Kader refused to call sirji warm relationship ended actor narrated painful story

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‘जिंदगी में तूफान आए, कयामत आए लेकिन दोस्ती में दरार न आने पाए’. ये फेमस डायलॉग अपने जमाने के हिट एक्टर कादर खान का है. कादर को एक्टिंग और कॉमेडी के अलावा उनकी डायलॉग डिलिवरी के लिए भी जाना जाता है. क्या आप जानते हैं कि 70 के दशक में अमिताभ बच्चन की कुछ फिल्में जैसे सुहाग, मुकद्दर का सिकंदर एवं अमर अकबर एंथोनी में कादर खान की कलम से लिखे गए डायलॉग जबरदस्त हिट हुए. दोनों के बीच बहुत अच्छी दोस्ती भी थी, लेकिन फिर दोनों के बीच के समीकरण बदले और दो जिगरी दोस्तों के बीच दरार आ गई. ‘गुरूर’ किसे और क्यों हुआ ये आज आपको बताएंगे.

कादर खान ‘ऑलराउंडर’ थे. डायलॉग लिखना हो या स्क्रिप्ट पैन पेपर पर मिनटों में अपनी कलम का जादू दिखा देते थे. कैमरे को संभालना हो या कैमरे के सामने एक्टिंग करना. ऐसा कोई भी काम नहीं है जिसे कादर खान कर नहीं कर पाते. कहते हैं कि आदमी को कभी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि घमंड सबकुछ खत्म कर देता है. कुछ ऐसा ही कादर खान और अमिताभ बच्चन के बीच हुआ और सालों की दोस्ती दो शब्दों के वजह से टूट गई.

कादर खान ने सुनाई थी अमिताभ के ‘गुरूर’ की कहानी
कादर खान ने टीवी पर दिए इंटरव्यू में अपनी और अमिताभ की दोस्ती के किस्सों के साथ-साथ अमिताभ के ‘गुरूर’ की कहानी भी सुनाई थी. ‘ऑलराउंडर’ कादर खान ने बताया था कि किस तरह से दोनों के अच्छे रिश्ते चंद मिनटों में खत्म हो गए और फिर सालों तक साथ में काम नहीं किया.

दो शब्दों ने बिगाड़े समीकरण
दरअसल, बिग बी के राजनीति में आने के बाद उन दोनों के आपस में समीकरण खराब हो गया थे. पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा था, ‘मैं हमेशा उन्हें अमित कहता था, लेकिन एक दिन जब मैंने उन्हें अमित कहा तो उन्हें अच्छा नहीं लगा.’ साउथ के एक निर्माता ने मुझसे पूछा, ‘आप सर जी से मिले? ‘मैंने पूछा’ कौन सर जी?’ वह चौंक गया और बोला, ‘सर जी तुमको नहीं मालूम? अमिताभ बच्चन.’ मैंने उनसे कहा, ‘मैं उन्हें अमित कहता हूं, वो दोस्त हैं.’ उन्होंने कहा, ‘नहीं आप उन्हें हमेशा सर जी बोलना, अमित नहीं बोलना अब वो बड़े आदमी हैं.’

कादर खान क्यों नहीं कह सके अमिताभ को ‘सर जी’
कादर खान ने आगे बताया था, ‘अमिताभ हमारे पास आ रहे थे और मैंने सोचा कि अन्य सभी लोगों की तरह मैं उन्हें ‘सर जी’ कहूंगा, लेकिन मैंने नहीं किया. उस दिन से मैंने उन्हें कभी नहीं बुलाया और उन्होंने मुझसे कभी बात नहीं की.’ कादर ने कहा, क्या कोई अपने दोस्त को, अपने भाई को और किसी नाम से पुकार सकता है? उनसे वो राब्ता नहीं रहा. इसलिए, ‘खुदा गवाह’ में मैं नहीं था, फिर ‘गंगा जमुना सरस्वती’ मैंने आधी लिखी और आधी छोड़ी. कई अन्य फिल्में जिनमें मैंने काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन फिर मैंने उन्हें छोड़ दिया था.’

कई फिल्मों का हिस्सा रहे अमिताभ और कादर
अमिताभ और कादर कई फिल्मों का हिस्सा थे, उन्होंने ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘दो और दो पांच’ , ‘कालिया’, ‘सत्ते पे सत्ता’ (1982), ‘कुली’, ‘शहंशाह’, ‘अग्निपथ’ सहित कई फिल्मों में एक साथ काम किया था.

Tags: Amitabh bachchan, Entertainment Special, Kader Khan

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