UP का ये समोसा है लाजवाब! एक दिन में 5000 पीस खा जाते हैं लोग, हर महीने 10 लाख रुपये की बिक्री

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सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: शाहजहांपुर का तिलहर नगर कभी लाठी व्यवसाय के लिए जाना जाता था. लेकिन बदलते वक्त के साथ लाठी की डिमांड कम हुई तो यह व्यवसाय ठप हो गया और आज तिलहर की पहचान लेखराज के समोसों के साथ होती है. तिलहर में लेखराज की 38 साल पुरानी समोसे की दुकान है. जिसका स्वाद आज भी बरकरार है. लोग लेखराज के समोसे खाने के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं.

दुकान मालिक अर्जुन ने बताया कि समोसे की इस दुकान की शुरूआत उनके पिता लेखराज ने 1985 में की थी. पिता के साथ-साथ अब अर्जुन भी दुकान का कामकाज देखते हैं. लेखराज की इस दुकान पर रोजाना करीब 5 हजार समोसे की बिक्री होती है. यह समोसे बेहद खास तरीके से बनाए जाते हैं जो एक बार इन समोसों का स्वाद चख लेता है. वह दोबारा यहां जरूर आता है.

सब मसालों का है खेल…
अर्जुन ने बताते हैं कि 1985 में जब उनके पिता ने दुकान शुरू की थी उस वक्त समोसे का जो स्वाद था उसको आज भी बरकरार रखे हुए हैं. वह समोसा तैयार करने के लिए खुद से पिसवाए हुए मसालों का ही इस्तेमाल करते हैं. लेखराज के समोसे में आलू के अलावा हींग, गरम मसाला, हरी मटर, धनिया और देसी खटाई समोसे के आलू में मिलकर उसको तैयार किया जाता है. लेखराज के यहां समोसे के साथ अलग से किसी तरह की कोई चटनी या खटाई नहीं दी जाती.

रोजाना हज़ारो समोसे चट कर जाते हैं लोग
अर्जुन ने बताया कि 1985 में जब उनके पिता लेखराज ने समोसा बेचना शुरू किया था. उस वक्त समोसे की कीमत 50 पैसे हुआ करती थी बढ़ती महंगाई के बाद आज उनके समोसे की कीमत 7 रुपए हो गई है. दुकान मालिक अर्जुन ने बताया कि उनकी यह दुकान नेशनल हाईवे 24 पर तिलहर में फ्लाई ओवर के पास स्थित है. उनकी दुकान सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहती है. उनके यहां रोजाना करीब 5 हजार लोग समोसा खाने आते हैं. यानी हर रोज 35 हजार की बिक्री होती है. यानी महीने में 10 लाख से ज्यादा की बिक्री है.

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FIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 14:31 IST

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