Umesh Pal Murder Case Don Atiq Ahmeds son made a last minute mistake conspiracy exposed – उमेश पाल मर्डर केस

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हाइलाइट्स

प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर केस का पर्दाफाश
जेल में बंद डॉन अतीक अहमद ने रची थी साजिश
अतीक का तीसरा बेटा असद चला था गोलियां

लखनऊ . उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हुए उमेश पाल मर्डर (Umesh Pal Murder Case) के करीब 3 हफ्ते बाद, यूपी पुलिस की विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बताया है कि अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने ही उमेश पाल की हत्‍या की साजिश रची थी और यदि उसका बेटा आखिरी मिनट में गलती नहीं करता तो शायद इस साजिश का पर्दाफाश थोड़ा कठिन होता. उमेश पाल 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था. अब उसके मर्डर केस की जांच में सहयोग कर रहे पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल की हत्‍या के लिए अतीक ने ही अपने बेटे को कहा था. अतीक ने अपने बेटे को घटनास्‍थल पर मौजूद रहने ओर एसयूवी के अंदर से हत्‍या की घटना की निगरानी करने को कहा था, लेकिन अतीक के बेटे ने यह बात नहीं मानी और हत्‍याकांड में अतीक और उसके बेटे का नाम सामने आ गया. इसमें उमेश पाल के साथ दो अन्‍य पुलिसकर्मियों की भी दर्दनाक हत्‍या हुई थी.

पुलिस सूत्रों ने बताया है कि 24 फरवरी को उमेश पाल की प्रयागराज के धोमनगंज इलाके में हथियारबंद हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. अतीक और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ के अपहरण के मामले में उमेश पाल ही शिकायतकर्ता था. इसके अलावा उमेश ही राजू पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ के खिलाफ चश्मदीद गवाह भी था. उमेश पाल की सनसनीखेज हुई हत्‍या से उत्‍तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था पर सवाल उठ रहे थे तो वहीं, पुलिस ने मौके पर लगे कई सीसीटीवी कैमरा फुटेज हासिल कर लिए थे. इसी फुटेज में एसयूवी और बाइक सवारों पर ध्‍यान गया. उस समय कई वाहनों में हथियार लिए लोगों को उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाते हुए देखा गया. दरअसल इन्‍हीं फायरिंग करने वालों में अतीक का तीसरा बेटा असद अहमद भी था. जो एसयूवी के अंदर से गोलियां चला रहा था. इस फुटेज को बार-बार अलग-अलग एंगल से देखा गया और यह पुष्टि हो गई कि गोलियां चलाने वालों में अतीक का बेटा असद शामिल था. इससे यह साबित हो गया कि यह हत्‍याकांड अतीक गैंग ने ही किया है. अन्‍य हमलावरों की पहचान भी कर ली गई और इसमें गुड्डू मुस्लिम भी शामिल निकला जो बीते 3 दशकों से अतीक का करीबी है.

गिरोह का दबदबा बनाने के लिए हुई वारदात
हत्याओं के बाद, हालांकि अतीक और उसके जेल में बंद उसके भाई अशरफ के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप लगाते हुए तुरंत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. हालांकि इसमें सवाल थे कि क्या यह वास्तव में अतीक की साजिश थी या उसके बेटे असद ने अपनी गैंग जमाने के लिए यह हत्‍या की थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में यह संभावना थी कि यह कांड, अतीक गिरोह के अंदर लीडरशिप चेंज को लेकर भी हो सकता है. सबसे बड़ी बात थी कि अतीक का बेटा असद हत्‍याकांड में शामिल था और वह अपने पिता के गिरोह का दबदबा कायम करने की कोशिश कर रहा हो. अतीक को लेकर शुरुआत में इसलिए भी आशंका कम थी क्‍योंकि वह उत्‍तर प्रदेश से दूर साबरमती जेल में बंद था. यह भी अनुमान लगाया गया था कि अतीक इस तरह की सनसनीखेज हत्याओं को अंजाम नहीं दे पाएगा क्‍योंकि यूपी सरकार लगातार उसके खिलाफ मामले चला रही थी.

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गिरोह के सदस्यों से जुड़ने के लिए अतीक ने फेसटाइम का इस्तेमाल किया
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने sachhikhabar को बताया कि पुलिस के पास अब इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पूरी साजिश अतीक ने ही रची थी. हालांकि यूपी एसटीएफ द्वारा अतीक को रिमांड पर लेने की आधिकारिक प्रक्रिया अभी भी जारी है, लेकिन जेल में बंद डॉन से ऑफ द रिकॉर्ड पूछताछ हो चुकी है. कहा जा रहा है कि यूपी पुलिस की एक टीम, साबरमती जेल में अतीक से पहले ही मुलाकात कर चुकी है, जबकि यूपी की बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ से भी पूछताछ की गई है. शीर्ष पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतीक के पास जेल के अंदर स्मार्टफोन होने के पर्याप्त सबूत हैं. अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि अतीक और गिरोह के अन्य सदस्य जुड़े रहने के लिए फेसटाइम जैसे मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करते थे. हत्‍या की साजिश और एसयूवी में असद की मौजूदगी को लेकर अतीक ने ही फैसला किया था. हालांकि असद को कहा गया था कि वह एसयूवी के अंदर बैठकर घटना की निगरानी करे. असद फिलहाल फरार है और उस पर 2.5 लाख रुपए का इनाम रखा गया है.

सदाकत खान ने खोले राज, बताया कैसे मर्डर केस से दूर हुआ
यूपी पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों में से एक सदाकत खान से पूछताछ का कोई आधिकारिक विवरण नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सदाकत खान ने खुद को इस मर्डर केस से दूर रहने और उसे साबित करने के लिए पूरे इंतजाम किए थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि सदाकत खान ने कई राज खोले हैं. उसने उमेश पाल मर्डर केस को लेकर पुलिस को बताया है कि उमेश पाल की हत्या की साजिश के बारे में जानता था. हत्या के एक दिन पहले वह अन्य शूटरों के साथ भी था और आवश्यक टोह लेने के लिए उमेश के पीछे-पीछे गया था. लेकिन हत्‍या वाले दिन वह प्रयागराज से भाग गया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सदाकत ने तमाम सबूत जुटाए, जिससे उसे खुद को बचाने में मदद मिल सके. उसने अपना मोबाइल लोकेशन ऑन रखा और 24 फरवरी की सुबह वह वाराणसी में था. वाराणसी से उसने ट्रेन का टिकट खरीदा और ट्रेन में सवार हो गया. अगले 5 घंटों की अपनी यात्रा के साथ, वह जानबूझकर लगभग सभी स्टेशनों पर ट्रेन बाहर निकला और यह सुनिश्चित किया कि प्लेटफॉर्म पर लगे सीसीटीवी कैमरों में उनकी तस्वीर कैद हो जाए.

हत्या का मकसद क्या था?
उमेश की हत्‍या पहले क्‍यों नहीं की गई? इस सवाल के कारण जांचकर्ता परेशान थे. अपहरण कांड में अतीक और उसके भाई अशरफ और राजू पाल हत्‍याकांड में चश्‍मदीद गवाह के कारण उमेश सक्रिय था, तब उसकी हत्‍या क्‍यों नहीं की थी? इन दोनों ही मामलों में अतीक ने कोर्ट में अपने बयान दिए थे. अब सूत्रों का कहना है कि उमेश पाल मर्डर के पीछे कई कारण हो सकते हैं. एक संभावना है कि उमेश पाल को ऐसा लग रहा था कि अब अतीक उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है, इसलिए वह कुछ बेफिक्र और ज्‍यादा ही आक्रमक हो गया था. उसने कोर्ट मामलों के अलावा, अतीक की कुछ प्रापर्टीज पर भी अपना कब्‍जा चाहता था. इससे अतीक को सीधे तौर पर आर्थिक चोट पहुंचने वाली थी. एक और आशंका जताई जा रही है कि डॉन अतीक को अपने दबदबे में कमी होने का अहसास हो रहा था और वह बड़े कांड करने की फिराक में था. ऐसा भी बताया गया है कि अतीक गिरोह में ही कुछ बदमाश, उसके विरोधी हो रहे थे और वे उन संपत्तियों को हड़पने का इरादा कर रहे थे जो वास्तव में अतीक के परिवार की बेनामी संपत्ति थी. उसके आतंक को फिर से स्थापित करने के लिए, एक सनसनीखेज अपराध की आवश्यकता थी और इसलिए, उमेश को लक्ष्य के रूप में चुना गया था. उमेश पाल की हत्या के पीछे तात्कालिक कारण चाहे जो भी रहा हो, परिणाम स्पष्ट रूप से अतीक के आकलन के अनुरूप नहीं रहा है.

Tags: Atiq Ahmed, Murder case, UP STF, प्रयागराज

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