The goods fair held in Rajasthan makes hundreds of traders rich – News18 हिंदी

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रिपोर्ट – मोहित शर्मा
करौली. राजस्थान में होली से ठीक 5 दिन पहले भरने वाला एक मेला ऐसा है जो प्रदेश भर के सैकड़ों व्यापारियों को 5 दिन में ही मालामाल कर जाता है. रियासत काल से भरते आ रहे इस मेले का नाम भी माल मेला है. हर साल यह मेला पूर्वी राजस्थान के करौली में महाशिवरात्रि पशु मेले के ठीक 20 दिन बाद राजाशाही जमाने से निरंतर भरता आ रहा है.

इस मेले का लोगों को भी सालभर बेसब्री से इंतजार रहता है. इसमें मिलने वाले साबुत मसाले और शुद्ध लोहे के बर्तनों सहित कुछ आइटम ऐसे हैं जों सिर्फ यहीं मिल पाते हैं. करौली के मेला ग्राउंड परिसर में लगने वाला यह मेला खासतौर से अपने शुद्ध मसाले के लिए जाना जाता है. साल में एक बार आने वाला यह माल मेला घर के मसालदान को 1 साल के लिए भर जाता है. लोग इस मेले से सालभर के लिए मसालों का स्टॉक कर लेते हैं.

क्वालिटी में नंबर वन और बाजार भाव से सस्ते मसाले
माल मेला होली से 5 दिन पहले भरना शुरू हो जाता है. दूर-दूर के व्यापारी मसाले बचने यहां आते हैं. इसमें मसालों और लोहे के बर्तनों की बिक्री इतनी जबरदस्त होती है कि होली वाले दिन तो व्यापारियों का पूरा माल साफ हो जाता है. इस मेले में प्रदेशभर के प्रसिद्ध साबुत मसालें बिकने आते हैं. माल मेले में मिलने वाले मसाले क्वालिटी में नंबर वन और बाजार भाव से भी सस्ते होते हैं.

मसालों की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री
भरतपुर से मसाले बेचने आए व्यापारी बहादुर सिंह ने बताया इस बार मेले में 4 करोड़ से ज्यादा के मसाले बिके. 5 दिन से 7 दिन तक चलने वाले इस मेले में बिक्री बहुत ही अच्छी होती है. ज्यादातर व्यापारी बयाना और भरतपुर के आते हैं. मेले में मिर्ची, मसाले और लोहा सबसे ज्यादा बिकता है.

जो कहीं नहीं मिलता वो यहां मिलेगा
करोड़ों रुपए के मसाले के साथ ही इस मेले में लोहे के बर्तनों की भी करोड़ों में बिक्री होती है. यहां मसाले के 100 से ज्यादा,लोहे के 20 से 25 सहित कई अन्य आइटमों के सैकड़ों व्यापारी दूर-दूर से व्यापार करने आते हैं.

दाना दाना बिक जाता है
पशुपालन विभाग के ब्रह्म कुमार पांडे ने बताया माल मेले का आकार छोटा होता है लेकिन इसमें व्यापार बड़े स्तर पर होता है. इस मेले से स्थानीय लोग पूरे साल भर के लिए लाल मिर्च व गरम मसाले खरीद लेते हैं. मेले में ट्रक के ट्रक भरकर मसाले आते हैं और इनकी बिक्री इतनी जबर्दस्त होती है कि मेले के समापन वाले दिन एक दाना तक नहीं बचता.

Tags: Karauli news, Local18

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