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देश जहां एक और आगे बढ़ रहा है पूरे विश्व में अपना नाम रोशन कर रहा है तो वहीं यहां कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संसाधनों के अभाव में पीछे छूट रहे हैं. इसमें झुग्गी बस्ती में रहने वाले ऐसे बच्चे भी हैं जो कि गैर कानूनी कामों में लिप्त हो रहे हैं. जो कि इसके पूरे जीवन को बर्बाद कर रहा है. अधिकतर लोग इसे देखकर भी अनदेखा कर देते हैं. लेकिन विजय बरसे जैसे कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो कि ऐसी समस्याओं का हल ढूंढते हैं और ऐसे बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं.
विजय बताते हैं कि पहले ये बच्चे बसों से उतरने वाले यात्रियों को निशाना बनाकर चोरी और लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे. विजय ने एक दिन बारिश में इन बच्चों को प्लास्टिक की एक बाल्टी को किक मारते हुए देखा. तभी से उनके दिमाग में इन बच्चों की बेहतरी के लिए ख्याल आया. उन्होंने बच्चों को एक फुटबॉल दी और अपने साथ खेलने के लिए बुलाया.
बच्चों में इसे लेकर एक तरह की झिझक थी. इसी झिझक को खत्म करने के लिए विजय बरसे ने सिर्फ झुग्गी में रहने वाले बच्चों के लिए एक टूर्नामेंट का आयोजन किया. पहले ही टूर्नामेंट में 126 टीमों ने भाग लिया और इसी के बाद से स्लम सॉकर का जन्म हुआ.
विजय ने बच्चों को असामाजिक और अवैध गतिविधियों से दूर रखने के लिए उन्हें व्यस्त रखा और एक लक्ष्य की ओर उनका ध्यान केंद्रित किया जिससे कि उनका भविष्य अंधकारमय होने से बच जाए.
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Tags: Inspiring story, Rising India
FIRST PUBLISHED : March 25, 2023, 20:32 IST
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