इंजीनियरिंग का करिश्मा है भारतीय रेल का पहला केबल ब्रिज, बड़े विस्फोट को सहने की क्षमता, तस्वीरों में जानें खूबियां

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ये क्षेत्र सिस्मिक जोन 4 में है. इस क्षेत्र की भूकंप की संभावनाओं का आकलन करने के लिए भूकंप इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की द्वारा साइट विशिष्ट भूकंप मापदंडों का अध्ययन किया गया है. पुल के महत्व के कारण, सेवा के दौरान पुल के संरचनात्मक स्वास्थ्य की निगरानी के लिए बड़ी संख्या में सेंसर लगाए जाएंगे. इंजीनियर ने इस पुल को सिस्मिक ज़ोन 5 के हिसाब से तैयार किया है.

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