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मोहित भावसार / शाजापुर: दाल बाटी या बाफला शाजापुर का पारंपरिक भोजन है.इसे शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में पसंद किया जाता है. यह अधिकतर भोजनालय, रेस्टोरेंट में आसानी से उपलब्ध हो जाता है. शाजापुर की बात करें तो मालवा का प्रसिद्ध भोजन दाल बाफला शहर के बस स्टैंड सहित अन्य चौराहे पर आसानी से मिल जाता है.लेकिन, इसमें भीस्वाद की बात करें तो वो स्वाद आपको शाजापुर के बस स्टैंड पर संचालित वैष्णव भोजनालय पर ही मिलेगी.
लोकल 18 से चर्चा के दौरान वैष्णव भोजनालय के संचालक अजय राठौर ने कहा कि वर्ष 1975 से इस भोजनालय की शुरुआत हमारें दादाजी के द्वारा की गई थी. आज हमें लगभग 50 साल हो गए है यह व्यवसाय करते-करते. जनता का अच्छा सहयोग मिल रहा है जिसका परिणाम है कि हमारे द्वारा आज भी हमारें दादा जी नाम चलाया जा रहा है.
सुबह से लेकर रात तक ग्राहकों की लगी रहती है भीड़
संचालक अजय राठौर बताते है कि हमारा भोजनालय सुबह 10 बजे से शुरू हो जाता है जो देर रात तक यहां ग्राहकी चलती रहती है. शाजापुर के बस स्टैंड पर कई दाल बाफले के भोजनालय संचालित हो रहे है लेकिन हमारा वैष्णव भोजनालय प्रसिद्ध है. यह भोजनालय शाजापुर शहर और आस पास के ग्रामीण जनों में अपनी एक अलग ही जगह बना रखी है. जिसका परिणाम है कि इस भोजनालय में बारह माह ग्राहकों की चहल-पहल देखने को मिलती है.
मेहमान नवाजी भी वैष्णव भोजनालय से होती है
लोकल 18 से चर्चा करते हुए संचालक अजय राठौर ने बताया कि भोजनालय तो ठीक है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति के घर मेहमान आ जाते है तो उन्हें भी कई बार हमारें भोजनालय से खाना भिजवाया जाता है. संचालक अजय राठौर बताते है कि आप घी के साथ दाल बाफले का स्वाद मात्र 50 रुपये में ले सकते है. वहीं, बगैर घी यानि सादा बाफला आप मात्र 40 रुपये में मिलता है. यदि आप भी खाने के शौकीन है या शाजापुर आने का प्लान बना रहे है और मालावा के प्रसिद्ध भोजन दाल बाफले के जायके का स्वाद चखना चाहते है तो एक बार इस भोजनालय पर जरूर आए.
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Tags: Food 18, Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news
FIRST PUBLISHED : March 17, 2024, 17:05 IST
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