Leave the potatoes and onions and now eat the tasty mushroom curry – News18 हिंदी

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अमित कुमार/समस्तीपुर. कचरी की कई वैरायटी अब मार्केट में उपलब्ध है. अब प्याज, आलू, दाल को छोड़िए और लिजिए मशरूम से बने कचरी का स्वाद. इसको बना रही है समस्तीपुर की रीता देवी. समस्तीपुर जिला के ताजपुर प्रखंड के कोटिया गांव में गरमा गरम मशरूम की कचरी खाने के लिए लोगों की भीड़ जुटती है. यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसको बनाने वाली रीता देवी कहती है वह घर पर ही मशरूम का उत्पादन करती है. ज्यादा उत्पादन होने पर मैंने सोचा क्यों न इसका कुछ आइटम बनाकर बेचा जाए, जो स्वाद के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद हो. वह गांव में स्टॉल लगाने के साथ मेले में भी इसको लोगों को खिलाती है.

दुकानदार रीता देवी बताती हैं कि मुझे जीविका से इस काम को करने का आइडिया मिला. जिसके बाद मशरूम का उत्पादन के लिए10×10 का आठ कमरा तैयार किया.उसमें मशरूम का उत्पादन कर लेते हैं. उत्पादन होने के बाद मशरूम को गर्म पानी में अच्छी तरह से साफ कर देते है. फिर चना के बेसन में हल्दी पाउडर, जीरा पाउडर, मेथी पाउडर, मंगरेला का पाउडर, गरम मसाला, प्याज, अदरक, लहसुन का मिश्रण किया जाता है. फिर उस घोल में मशरूम को डूबा कर गर्म तेल में छान देते हैं. फिर निकाल कर उसे तीन अलग-अलग चटनी के साथ परोस देते हैं. तैयार पकौड़ा कोठिया गांव में स्टॉल पर बेचती हूं.

मेला समिति भी करते हैं आमंत्रित
रीता देवी कहती हैं कि आसपास मेले का आयोजन हो तो उसमें हमें समिति द्वारा मशरूम कीकचरी के लिए स्टॉल लगाने का आमंत्रण दिया जाता है.तैयार मशरूम कचरी खाने में इतना स्वादिष्ट बनता है कि एक बार भी लोग खा लेते हैं, तो कभी इसका स्वाद नहीं भूलते हैं.आलू और आमला की चटनी के साथ परोसा जाता है.

स्वाद के साथ इनकम भी बेहतर
मशरूम कचरी खाने का प्रचलन समस्तीपुर जिले में लगातार तेजी से बढ़ रहा है. दुकानदार रीता कुमारी बताती है कि इस कचरी रोजाना 100-150 लोग आसानी से खा लेते हैं.वहीं मेले में स्टॉल लगाए जाने के बाद 300-400 लोग प्रतिदिन इसकास्वाद चखलेते हैं. कीमत की बात करें तो 30 रुपया प्रति प्लेट के हिसाब से दिया जाता है. अगरलोग घर के लिए पैक करवाते हैं तो उन्हें 50 रुपया चार्ज किया जाता है.

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