‘जंगल की आग’ है ये फूल, औषधीय गुणों की खान, कई बीमारियों को चुटकियों में करता है दूर!

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अर्पित बड़कुल/दमोह: बुंदेलखंड ही नहीं, देश के अधिकतर हिस्सों में पलाश का पेड़ देखने को मिलता है. यह पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर है. इसकी पत्तियां, छाल, बीज के अलावा फूल औषधि की तरह है. स्किन प्रॉब्लम और एग्जिमा के लिए इस पेड़ के बीज का चूर्ण बनाकर सेवन करने से फायदा मिलता है. खासकर फूल बहुत सी बीमारियों के लिए रामबाण औषधि माना गया है.

Local 18 से जिला आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि गर्मी के दिनों में बढ़ते तापमान के कारण हवा में नमी होती है, जिस कारण नाक में सूखापन आ जाता है. ये सूखापन आने की वजह से कई बार नसें फट कर घाव बना देती हैं. इसकी वजह से नाक से ब्लड निकलने लगता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए पलाश का फूल बहुत उपयोगी है. फूलों का रस 1 से 2 बूंद नाक में डालने से रक्त बहना बंद हो जाएगा.

‘जंगल की आग’ है फूल
डॉ राजकुमार पटेल ने Local 18 से बताया कि पलाश का वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा होता है. इसके पुष्प इतने आकर्षक होते हैं कि इसे जंगल की आग के नाम से भी जानते हैं. यह उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश का राजकीय पुष्प भी घोषित हो चुका है. वहीं भारतीय डाकघर ने इसे अपनी डाक में प्रकाशित कर इसका सम्मान किया है.

जानें फूल का कमाल
आगे बताया कि इसमें बहुत से औषधीय गुण होते हैं. इसमें एन्टीप्रम प्रोपर्टी होती है, जो खासकर पेट के कीड़े मारने के लिए उपयोगी है. छोटे बच्चे जो मिट्टी का सेवन कर लेते हैं, जिस कारण उनके पेट में कीड़े हो जाते हैं. इस समस्या के उपचार में पलाश का फूल बेहद उपयोगी है. डायबिटीज से लेकर त्वचा संक्रमण जैसे महिलाओं में ल्यूकोरिया, एसटीडी रोग होते हैं, उनके उपचार में यह कारगर है.

Tags: Damoh News, Health benefit, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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