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हाइलाइट्स
अमेरिकी नागरिक की अस्थियां उनके निधन के बाद कर्नाटक की एक नदी में विसर्जित की गई
हिंदू संस्कृति के एक बड़े प्रशंसक रहे फ्रिट्ज़ ने उत्साहपूर्वक भारत में अनुसरण की जाने वाली कई चीजों को सीखा और देखा
फ्रिट्ज़ का पिछले महीने लंदन में दीर्घकालिक कैंसर से निधन हो गया
बेंगलुरु. हिन्दू परंपरा से कई विदेशी बेहद प्रभावित होकर उसे अपनी जीवनशैली बना लेते हैं. ऐसे ही एक अमेरिकी नागरिक (American CItizen) की अस्थियां उनके निधन के बाद कर्नाटक की एक नदी में विसर्जित की गईं. अमेरिकी पुरातत्वविद् जॉन मर्विन फ्रिट्ज की मृत्यु से पहले अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियों (Ashes) को कर्नाटक में हम्पी के तट पर तुंगा नदी (Tunga River) में विसर्जित किया जाए. हिंदू संस्कृति के एक बड़े प्रशंसक रहे फ्रिट्ज़ ने उत्साहपूर्वक भारत में अनुसरण की जाने वाली कई चीजों को सीखा और देखा. उन्होंने 1981 से कई बार भारत और हम्पी का दौरा किया था.
हिंदू धर्म के अनुसार व्यक्ति के जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक विभिन्न संस्कारों का पालन किया जाता है. मृत्यु के बाद अस्थियों को पवित्र जल में विसर्जित करना एक ऐसा ही अनुष्ठान है. फ्रिट्ज़ का पिछले महीने लंदन में दीर्घकालिक कैंसर (Cancer) से निधन हो गया. उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार, उनकी बेटी एलिस और पोते विलियम ने हम्पी की यात्रा की और उनकी अस्थियों को तुंगा नदी में विसर्जित कर दिया. उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार नदी के किनारे आवश्यक पूजा भी की.
बता दें कि तुंगा नदी कर्नाटक राज्य की एक महत्वपूर्ण नदी है. नदी का उद्गम पश्चिमी घाट में गंगामूला नामक स्थान पर वराह पर्वत नामक पहाड़ी पर हुआ है. यहां से, नदी कर्नाटक के दो जिलों – चिकमंगलूर जिले और शिमोगा जिले से होकर बहती है. कन्नड़ में एक लोकप्रिय कहावत है “तुंगा पाना, गंगा स्नान”, जिसका अर्थ है “तुंगा नदी का पानी पियो, जो स्वादिष्ट और मीठा है, और गंगा नदी में स्नान करो, जो पवित्र है”.
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Tags: America, Karnataka, Last Rites
FIRST PUBLISHED : March 11, 2023, 22:30 IST
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