साहित्य अकादमी के ‘नारी चेतना कार्यक्रम’ में छाईं उपासना, रुपाली संझा और सविता पांडेय की रचनाएं

[ad_1]

साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित नारी चेतना कार्यक्रम में प्रसिद्ध रचनाकारों ने महिला लेखन के विभिन्न आयामों पर रोशनी डाली. समकालीन चर्चित रचनाकार उपासना, रुपाली संझा और सविता पांडेय ने अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं. तीनों ही लेखिकाएं लेखन के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी विशेष पहचान रखती हैं.

कार्यक्रम की शुरूआत में चर्चित कवयित्री सविता पांडेय ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं. उनकी कविताओं के शीर्षक थे – महुए की बेटियां, मृत्यु और प्रेम, डंपिंग ग्राउंड के विरुद्ध, किसी तख्ती पर बनाया गया अंधेरे का चित्र. इन कविताओं के बिंब वर्तमान के साथ अतीत की यात्रा पर भी ले जाने वाले थे. डंपिंग ग्राउंड पर लिखी कविता में एक चिड़ियां के द्वारा वहां फैले प्रदूषण को विराट रूप में दर्शाया गया था.

कविता रचने के साथ-साथ सविता पांडेय कहानियां भी कहती हैं. उनकी कहानियों की भाषा भी काव्यात्मक होती हैं. सविता पांडेय की लघुकथाएं भाषा, शिल्प, कथ्य और संवेदना के स्तर पर बहुत उत्कृष्ट रचनाएं हैं. उनका नवीनतम कहानी संग्रह ‘वाट्स गोइंग अप’ है. ‘गुलाबी लड़कियाँ’ उनकी चर्चित कहानी रही है.

Sahitya Akademi News, Sahitya Akademi Award, Hindi Sahitya News, Hindi Literature News, Hindi Writer Upasana, Upasana Ki Kahani, Upasana Books, Upasana Story Books, Savita Pandey Poetry in Hindi, Savita Pandey Ki Kavita, साहित्य अकादमी का नारी चेतना कार्यक्रम, साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादेमी अवार्ड, उपासना की कहानी, रुपाली संझा की कहानियां, सविता पांडेय की कविताएं, हिंदी साहित्य न्यूज, लिटरेचर न्यूज, Rupali Sanjha Hindi Author, Rupali Sanjha Ki Kahani, Rupali Sanjha Books, Sahitya Akademi Nari Chetna,

साहित्य अकादमी के ‘नारी चेतना कार्यक्रम’ में अपनी रचना प्रस्तुत करतीं कवयित्री सविता पांडेय.

रुपाली संझा ने वियतनाम यात्रा पर प्रकाशित अपने यात्रा संस्मरण के प्रारंभिक अंश सुनाए. संस्मरण बहुत ही रोचक और जानकारी देने वाला था. उन्होंने वियतनाम में कमल के फूल की हर जगह उपस्थिति देखने पर पता किया तो ज्ञात हुआ कि कमल भारत की तरह वहां का भी राष्ट्रीय पुष्प है.

Sahitya Akademi News, Sahitya Akademi Award, Hindi Sahitya News, Hindi Literature News, Hindi Writer Upasana, Upasana Ki Kahani, Upasana Books, Upasana Story Books, Savita Pandey Poetry in Hindi, Savita Pandey Ki Kavita, साहित्य अकादमी का नारी चेतना कार्यक्रम, साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादेमी अवार्ड, उपासना की कहानी, रुपाली संझा की कहानियां, सविता पांडेय की कविताएं, हिंदी साहित्य न्यूज, लिटरेचर न्यूज, Rupali Sanjha Hindi Author, Rupali Sanjha Ki Kahani, Rupali Sanjha Books, Sahitya Akademi Nari Chetna,

चर्चित लेखिका रुपाली संझा.

रुपाली नागर ‘संझा’ मध्य प्रदेश के खंडवा की रहने वाली हैं. भूगोल में परास्नातक करने के बाद रुपाली ने लंबे समय तक विभिन्न कॉलेजों में अध्यापन का कार्य किया. ‘ऑनलाइन डेटिंग अप्प्रोक्स 25:35’ (Online Dating Approx 25:35), ‘इस पार मैं’ और ‘पंखों वाली लड़की की उड़ान’ उनकी चर्चित किताबें हैं.

सरोजनी नायडू के भाई और बावर्ची के ‘खडूस दादुजी’, जिन्होंने रचा कालजयी बाल गीत ‘रेलगाड़ी’

उपासना ने अपनी कहानी ‘सर्वाइवल’ प्रस्तुत की. कहानी में एक बेरोजगार युवा और एक बिल्ली के आपसी संघर्ष को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाया गया था और उसका संदेश था कि हम सबके जीवन में कोई न कोई हमारा अस्तित्व मिटाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है और अंत में उसके साथ समझौता करके ही हम जीवन जीने की कल्पना कर सकते हैं.

Sahitya Akademi News, Sahitya Akademi Award, Hindi Sahitya News, Hindi Literature News, Hindi Writer Upasana, Upasana Ki Kahani, Upasana Books, Upasana Story Books, Savita Pandey Poetry in Hindi, Savita Pandey Ki Kavita, साहित्य अकादमी का नारी चेतना कार्यक्रम, साहित्य अकादमी पुरस्कार, साहित्य अकादेमी अवार्ड, उपासना की कहानी, रुपाली संझा की कहानियां, सविता पांडेय की कविताएं, हिंदी साहित्य न्यूज, लिटरेचर न्यूज, Rupali Sanjha Hindi Author, Rupali Sanjha Ki Kahani, Rupali Sanjha Books, Sahitya Akademi Nari Chetna,

सुपरिचित लेखिका उपासना.

भारतीय ज्ञानपीठ का नवलेखन पुरस्कार प्राप्त उपासना की कहानियां हमेशा चर्चा के केंद्र में रहती हैं. ‘एक ज़िन्दगी एक स्क्रिप्टभर’ कहानी संग्रह के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया. उपासना का कहानी संग्रह ‘दरिया बंदर कोट’ हिंदी युग्म से प्रकाशित हुआ है. उपासना चर्चित लेखिका होने के साथ अध्यापक और चित्रकार भी हैं. उनका एक बाल उपन्यास ‘डेस्क पर लिखे नाम’ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से प्रकाशित हुआ है.

कार्यक्रम का संचालन संपादक (हिंदी) अनुपम तिवारी ने किया.

[ad_2]

Source link