सर्व-समाज के वोटों से कांग्रेस सरकार ‘रिपीट’ करने की रणनीति, सीएम गहलोत के ‘मास्‍टर स्‍ट्रोक’ से बदलेगा रिवाज?

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हाइलाइट्स

अलग-अलग बोर्ड बनाकर कांग्रेस राजनीतिक रूप से मतदाताओं को लुभाने की कर रही कोशिश
महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड बना तो हनुमान बैनीवाल ने वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड बनाने की पैरवी की
सीएम अशोक गहलोत ने उदयपुर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड बनाए जाने की बड़ी घोषणा की

एच. मलिक

उदयपुर.  राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अलग-अलग समाजों को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. वह चाहे सचिन पायलट को सीएम न बनाने के कारण नाराज गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण की जयंती पर अवकाश की घोषणा हो या फिर अब वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड का ऐलान. एससी और ओबीसी से जुड़े 3 बोर्ड को मंजूरी देना हो या फिर जाटों के आराध्य वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन करने का फैसला हो. वह लगातार इस प्रयास में जुटे हैं कि कांग्रेस को सर्व-समाज के वोट कांग्रेस मिल सके.

विधानसभा चुनावों से पहले बोर्डों के गठन की दिशा में सीएम गहलोत ने एक और कड़ी जोड़ दी है. वे लगातार ऐसे राजनीतिक कदम उठाने की कोशिशें कर रहे हैं, जिनका फायदा पार्टी को चुनाव में हो सके. आइये जानते हैं कि पिछले कुछ समय में अलग-अलग जातियों को आकर्षित करने के लिए गहलोत सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं…

आपके शहर से (जयपुर)

वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप बोर्ड
महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर सीएम ने उदयपुर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड बनाए जाने की बड़ी घोषणा की. गहलोत ने कहा कि इस बोर्ड का काम पाठ्यक्रम सामग्री में जरूरी बातें जोड़ने, प्रताप से जुड़े पुरातत्व संरक्षण व नवनिर्माण, उन पर लिखे-साहित्य का संकलन, प्रताप की ऐतिहासिक वीरता और जीवनी के बारे में प्रचार-प्रसार करने का रहेगा. पाठ्यक्रम को लेकर उन्होंने अपरोक्ष रूप से बीजेपी पर भी निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि जब वे मंत्री थे तो महाराणा प्रताप से जुड़े स्थानों को विकसित करने के लिए मेवाड़ कॉम्पलेक्स योजना शुरू की गई थी. उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से कहा कि आप दिल्ली से इसकी पुरानी फाइल निकलवाओ. ताकि मेवाड़ कॉम्पलेक्स नए अवतार में पेश हो सके.

श्रीहरि विष्णु के अवतार माने जाते हैं गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण, जानें महत्वपूर्ण बातें

देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति और अवकाश
सीएम गहलोत ने पिछले साल फरवरी में जोगेन्द्र सिंह अवाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था. गुर्जर समाज के आराध्य देवनारायण भगवान श्रीहरि विष्णु के अवतार माने जाते हैं. गुर्जरों की आस्था और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए सीएम गहलोत ने इस साल 28 जनवरी को भगवान देवनारायण की जयंती पर राजकीय अवकाश घोषित किया. बता दें कि सीएम ने यह घोषणा पीएम मोदी के भीलवाड़ा जिले के आसींद के गांव मालासेरी में गुर्जर समाज के लोकदेवता भगवान देवनारायण के 1111वें प्राकट्योत्सव में शामिल होने से पहले ही कर दी थी.

राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड
महात्मा ज्योतिबा फुले माली-सैनी समाज से थे और मुख्यमंत्री गहलोत भी माली समाज से ही आते हैं. पिछले साल उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड बनाकर अपने समाज में पैठ और बढ़ाई. ज्योतिबा फुले बोर्ड में सरकार ने काछी, मुशवाह, माली, सैनी समाज जैसे बागवान समाज के अलग-अलग वर्गों में काम करने वाले लोगों को शामिल किया. बोर्ड की मदद से इस तरह के कामों से जुड़े लोगों के इकोनॉमिक डवलपमेंट और आय में बढ़ोतरी के लिए योजनाएं चलाने के साथ ही अलग-अलग वर्गों के लोगों की कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा.

राजस्थान राज्य वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड
पिछले साल ज्योतिबा फुले कल्याण बोर्ड बनने के बाद गहलोत के राजनीतिक विरोधियों ने निशाना साधा कि उन्होंने खुद के समाज के नेता का बोर्ड तो बना दिया, लेकिन राजस्थान में सबसे ज्यादा संख्या में निवास करने वाले जाट समुदाय के आराध्य देव तेजाजी महाराज का बोर्ड नहीं बनाया. इस साल सरकार ने राजस्थान राज्य वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन कर उनकी बोलती भी बंद कर दी है. वीर तेजा कल्याण बोर्ड किसान समाज की हालत का जायजा लेने और प्रमाणित सर्वे रिपोर्ट के आधार पर किसान वर्ग के पिछड़ेपन को दूर करने के उपाय सुझाएगा.

राजस्थान राज्य रजक (धोबी) कल्याण बोर्ड
इसके अलावा रजक (धोबी) समाज के विभिन्न वर्गों को साधने के लिए गहलोत सरकार रजक कल्याण बोर्ड को भी मंजूरी दे दी. इससे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की एक प्रामाणिक सर्वे रिपोर्ट करवाने के बाद सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी. वहीं प्रदेश में रजक समाज के लिए चलने वाली योजनाओं को अलग-अलग विभागों के जरिए तेजी से जमीन पर उतारा जाएगा. इसमें राजस्थान राज्य रजक (धोबी) कल्याण बोर्ड अहम भूमिका निभाएगा.

राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड
सरकार की घोषणा के मुताबिक चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड के जरिए चमड़े (लेदर) के बिजनेस और काम-धन्धों से जुड़े लोगों का आर्थिक विकास किया जाएगा. बोर्ड बनने से प्रदेश में चमड़े के बने हैंडीफ्राफ्ट प्रोडक्ट्स और इस काम से जुड़े लोगों को बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही चमड़े से जुड़े कामों में लोगों को नया रोजगार मिल सकेगा. बोर्ड के जरिए इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की सामाजिक सुरक्षा का ध्यान भी रखा जाएगा. अब प्रदेश में चमड़े के कारीगर-हैंडिक्राफ्ट्स बनाने वाले इस बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद सरकारी योजनााओं का लाभ ले रहे हैं.

Tags: Ashok Gehlot Government, Assembly election, Jaipur news

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