ये हैं भारत के 30 महत्‍वपूर्ण खनिज, मोदी सरकार ने आज जारी की लिस्‍ट

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Critical Minerals for India: भारत सरकार के खान मंत्रालय ने आज देश की अर्थव्‍यवस्‍था और विकास के लिए जरूरी मिनरल्‍स की सूची जारी की है. इससे पहले अमेरिका, ऑस्‍ट्र्रेलिया, जापान सहित कई देश अपने यहां जरूरी खनिजों की सूची जारी कर चुके हैं. भारत सरकार द्वारा जारी ये खनिज प्रतिदिन के आम जीवन के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण हैं. इनकी पहचान के बाद अब देश में विकास योजनाओं को और भी बेहतर ढंग से निर्धारित करने में मदद मिलेगी.

इन खनिजों को आर्थिक महत्‍व और सप्‍लाई जोखिम के आधार पर क्रिटिकल की सूची में दर्ज किया जाता है. भारत के संदर्भ में भी इन्‍हीं चीजों को ध्‍यान में रखा गया है और क्रिटिकल खनिजों की सूची तैयार की गई है.

ये 30 मिनरल्‍स हैं महत्‍वपूर्ण
कमेटी ने भारत में 30 मिनरल्‍स की लिस्‍ट तैयार की है जो भारत में महत्‍वपूर्ण हैं. ये हैं एंटिमनी, बेरीलियम, बिस्‍मथ, कोबाल्‍ट, कॉपर, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफनियम, इंडियम, लिथियम, मोलिबडेनम, नाइबियम, निकल, पीजीई, फॉस्‍फोरस, पोटाश, रेयर अर्थ एलिमेंट्स, रीनियम, सिलिकॉन, स्‍ट्रॉन्टियम, टेंटेलम, टेलूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंग्‍स्‍टन, वनेडियम, जरकॉन, सिलिनियम और कैडमियम.

क्‍या कह रहे विशेषज्ञ
महत्वपूर्ण खनिजों की सूची जारी होने पर काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के सीनियर प्रोग्राम लीड, ऋषभ जैन कहते हैं, ‘भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिजों को चिन्हित किया जाना एक स्वागतयोग्य कदम है. इस सूची को देश की क्षमता, कमजोरियों, प्राथमिकताओं और महत्वपूर्ण खनिजों की भू-राजनीति स्थिति के अनुसार लगातार संशोधित किया जाना चाहिए. ऐसी संशोधित आधिकारिक सूची से खनिजों की आपूर्ति को मजबूत करने वाला एक लक्षित दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा, जो रोजगार, विकास और स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.’

जैन कहते हैं कि खनिजों की ऐसी छंटनी करने से केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच प्राथमिकताओं को लेकर तालमेल आएगा. यह इन खनिजों के प्रभावी इस्तेमाल के उद्देश्य से प्रसंस्करण और अंतिम-उपयोग की वैल्यू चेन विकसित करने के लिए भारत के मेक इन इंडिया लक्ष्यों से संबंधित लघु और दीर्घावधि के नीति-निर्माण को प्रोत्साहित करेगा.

‘सीईईडब्ल्यू का एक हालिया विश्लेषण बताता है कि आज ऊर्जागत परिवर्तन (एनर्जी ट्रांजिशन) के लिए जिन सात प्रमुख खनिजों की आवश्यकता है, उनके कुल वैश्विक भंडार का 55-90 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ 15 देशों में मौजूद है. इनमें कोबाल्ट, तांबा, ग्रेफाइट, लिथियम, मैंगनीज, निकल और दुर्लभ पृथ्वी तत्व (रेयर अर्थ एलिमेंट) शामिल हैं. ऐसी स्थिति में, जहां पर घरेलू संसाधन सीमित हैं, सरकार को अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को प्रोत्साहित करने की शुरुआत करनी चाहिए. इसके अलावा, वैश्विक बाजारों से खनिजों को रणनीतिक रूप से प्राप्त करने के लिए खनिज सुरक्षा साझेदारी की हालिया सदस्यता का भी लाभ उठाना चाहिए. इस काम में खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबिआईएल) बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.’

Tags: Coal mines, Energy minister, Minerals

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