युवा होते बच्चों से उलझने से बचें, थोड़ी दूरी भी जरूरी, 4 तरीकों से मजबूत बनाएं रिश्ता

[ad_1]

हाइलाइट्स

पैरेंट्स को अपने बच्चों की चिंता हमेशा लगी रहती है.
बच्चों के साथ किसी विषय पर असहमति होने पर साझा समाधान पर फ़ोकस करना चाहिए.
पैरेंट्स को बच्चों के फैसले पर उनका साथ देना चाहिए.

Parenting Tips: अपने बच्चों की चिंता हर माता-पिता को रहती है. बच्चे उम्र के किसी भी पड़ाव में पहुंच जाएं लेकिन उनके लिए पैरेंट्स हमेशा चिंतित ही रहते हैं. पैरेंट्स को हमेशा अपने बच्चों की सफलता को लेकर चिंता लगी रहती है. उन्हें इस बात की चिंता रहती है कि कहीं बच्चा बाहर पहचान बनाने, नौकरी करने और परिवार बनाने में देरी न कर दे. पैरेंट्स की इस चिंता को लेकर टेंपल यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक लॉरेंस स्टीनबर्ग निराधार बताते हैं. उनका मानना है कि ये चिंताएं काफी हद तक निराधार हैं.

द न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, मनोवैज्ञानिक लॉरेंस स्टीनबर्ग कहते हैं कि 30 साल की उम्र तक सेटल न होने वाले बच्चों के पैरेंट्स को लगता होगा कि वे आलसी हैं, लेकिन आज के मानकों के हिसाब से वो सही हैं. आजकल के पैरेंट्स जितना सोच पा रहे हैं, संभवतः बच्चे उससे कहीं ज्यादा सोचते हैं. मनोवैज्ञानिक का मानना है कि युवा होते बच्चों से ज्यादा उलझने से बचना चाहिए. ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी है.

1.बच्चों के फैसले में साथ दें: पैरेंट्स को युवा हो रहे बच्चों से अपनी तुलना नहीं करना चाहिए. आपका समय दूसरा था और अब का समय दूसरा है. दोनों के समय में दशकों का अंतर है. ऐसे में वक्त के साथ देश दुनिया भी बदलती रहती है. बच्चों की शादी या किसी भी चीज को लेकर कोई चिंता न करें. क्योंकि आजकल शादी की उम्र भी बढ़ गई है. आजकल के युवा दूरदर्शी हैं. उनके फैसले में साथ दें.

रोजाना कितने स्टेप्स चलने से मेंटेन रहेगी फिटनेस, नहीं बढ़ेगी चर्बी? जानें मोटापा कंट्रोल का ये बेहद आसान तरीका

2.बच्चों की आजादी का सम्मान करें: पैरेंट्स को बच्चों की जिंदगी में ज्यादा दखल नहीं देना चाहिए. बच्चे पिछली पीढ़ी की तुलना में कई चीजें अलग करते होंगे. उनके रहन-सहन, खान-पान, पहनावा से लेकर खर्चा तकसब पिछली पीढ़ी से अलग और महंगा होगा. इसलिए पैरेंट्स को बच्चों की आजादी का सम्मान करना चाहिए.

3.छोटी गलतियों से जूझने की भावना बढ़ेगी: अगर बच्चे छोटी गलती करते हैं तो उन्हें ऐसा करने दें, इससे उनके जूझने की भावना को बढ़ावा मिलता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक बच्चे कोई गड़बड़ी गलती न करें तब तक पेरेंट्स को उन पर अपनी राय नहीं थोपना चाहिए. पेरेंट्स को बच्चों पर अतिरिक्त दबाव डालने से बचना चाहिए.

समय से पहले सफेद हो रहे हैं बाल? ट्राई करें 6 सुपर फूड्स, कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा असर

4.साझा समाधान पर फोकस: पैरेंट्स और बच्चों में अगर किसी बात को लेकर असहमति या विवाद की स्थिति है तो इसके लिए कोलेबरेटिव प्रॉब्लम सॉल्विंग तकनीक की मदद लें. पैरेंट्स और बच्चे साथ बैठकर अपना-अपना नजरिया रखें और समाधानों पर साझा मंथन करें. यह समझौता करने से बेहतर है, क्योंकि दोनों पक्षों के पास कुछ न कुछ इनपुट होता है. इसलिए साथ बैठकर समाधान निकाल सकते हैं.

Tags: Lifestyle, Parenting, Parenting tips, Relationship

[ad_2]

Source link