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नई दिल्ली. करीब एक दशक के लंबे इंतजार के बाद भारत और अमेरिका के बीच सैन्य विमानों के इंजन को लेकर एक बड़ा रक्षा सौदा होने वाला है. संयुक्त रूप से स्वदेशी जेट के निर्माण और लड़ाकू विमानों के इंजन के लिए अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के साथ भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की साझेदारी के लिए भारत एक बड़े रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर करने की तैयारी में है. प्रारंभिक साझेदारी केवल सैन्य विमानों के इंजन के लिए होगी. इसके अलावा इस सौदे का ऐलान अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान की जा सकती है.
लड़ाकू विमान, टैंक और विमानवाहक पोत दूसरे देशों से खरीदता रहा है भारत
बता दें कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक, अपनी लगभग आधी सैन्य आपूर्ति के लिए रूस पर निर्भर है. भारत दशकों से लड़ाकू जेट, टैंक, परमाणु पनडुब्बी और एक विमानवाहक पोत खरीदता आ रहा है. वहीं अमेरिका भारत द्वारा उठाए गए कुछ कदमों से निराश भी है. जैसे कि रूस से भारत द्वारा कच्चा तेल खरीदना और सैन्य अभ्यास में भाग लेने के चलते अमेरिका की नाराजगी जाहिर हुई है.
डील को अंतिम रूप देने की तैयारी
भारत के सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने पहले कहा था कि उसने GE-निर्मित 414 इंजन का उपयोग दूसरी पीढ़ी के हल्के लड़ाकू विमानों पर करने की योजना बनाई है और वह उन इंजनों के घरेलू उत्पादन पर बातचीत कर रही है. हालांकि अभी सौदे को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और व्यवस्था के बारे में जानकारी देने वाले दो लोगों के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेस को अधिसूचना की भी आवश्यकता है.
अमेरिकी संसद में डील पर विचार होना बाकी
बता दें कि वाशिंगटन इस बात पर सख्त नियंत्रण रखता है कि कौन सी घरेलू सैन्य तकनीक दूसरे देशों को साझा या बेची जा सकती है. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच इस साल की शुरुआत में घोषित एक व्यापक संयुक्त साझेदारी दोनों देशों की कंपनियों को विशेष रूप से सैन्य उपकरणों और अत्याधुनिक तकनीक पर सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन की गई है.
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Tags: America, Joe Biden, PM Modi
FIRST PUBLISHED : June 01, 2023, 06:16 IST
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