पेट के फ्लू के बारे में कितना जानते हैं आप? आंतों में होता है वायरस का हमला, मरीज के संपर्क से भी खतरा, ये हैं लक्षण

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हाइलाइट्स

बच्चों और बुजुर्गों में स्टोमेक फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए वायरल इंफेक्शन को हल्के में न लें.
स्टोमेक फ्लू से बचने के लिए हाथ को सही तरीके से साबुन से धोना चाहिए.

Stomach Flu Symptoms: सर्दी के मौसम में अधिकांश लोगों को वायरल फ्लू हो ही जाता है. इसमें लंग्स प्रभावित होता जिसमें नाक से पानी आने लगता है, बहुत ज्यादा खांसी होती है. यह रिस्पेरिटरी सिस्टम पर वायरस का हमला होता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वायरस का हमला आंतों में भी हो सकता है. इसे पेट का फ्लू या स्टोमेक फ्लू कहा जाता है. इसमें दस्त, पेट में क्रैंप, मतली, उल्टी जैसी शिकायतें रहती हैं. अगर यह ज्यादा दिनों तक ठीक न हो, तो इससे कई अन्य बीमारियां भी हो सकती है. इसलिए स्टोमेक फ्लू को हल्के में नहीं लेना चाहिए. सबसे खराब बात यह है कि जब किसी को पहले से स्टोमेक फ्लू होता है तो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूसरे व्यक्ति में भी यह बीमारी हो सकती है. स्टेमेक फ्लू का मेडिकल टर्म में गैस्ट्रोइंटेराइटिस gastroenteritis कहते हैं. मायो क्लिनिक के मुताबिक इसके लिए रोटा वायरस और नोरावायरस जिम्मेदार होते हैं. आमतौर पर स्टोमेक फ्लू का खतरा नवजात बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यून वाले लोगों में ज्यादा रहता है. आइए जानते हैं कि स्टोमेक फ्लू के लक्षण क्या-क्या हैं.

                           स्टोमेक फ्लू के लक्षण

  • 1. स्टोमेक फ्लू आंतों पर हमला करता है. इससे पानी के साथ दस्त, बिना खून वाला डायरिया लग जाता है.
  • 2. स्टोमेक फ्लू होने पर जी मितलाना, उल्टी या दोनों एक साथ हो सकती है.
  • 3. स्टोमेक फ्लू में पेट में क्रैंप और पेट में दर्द करने लगता है.
  • 4. ज्यादा गंभीर होने पर मसल्स में ऐंठन होने लगती है.
  • 5. सिर में कभी-कभी दर्द भी कर सकता है.
  • 6. स्टोमेक फ्लू के दौरान लो ग्रेड बुखार भी हो सकता है.

                        कब जाएं डॉक्टर के पास

  • जब तरल पदार्थों को पेट में रखने की क्षमता कम हो जाए.
  • जब उल्टी, दस्त दो दिनों से ज्यादा तक परेशान करने लगे.
  • जब उल्टी के साथ ब्लड भी आए.
  • जब ज्यादा प्यास, मुंह सूखना, कम पेशाब आदि की शिकायतें हों.
  • जब बहुत ज्यादा कमजोरी और चक्कर आने लगे.
  • जब पेट में बहुत तेज दर्द होने लगे.
  • जब 104 डिग्री से ज्यादा बुखार लग जाए.

स्टोमेक फ्लू से कैसे बचें

चूंकि बच्चों और बुजुर्गों में इसका खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए बच्चों को इसकी वैक्सीन लगवानी चाहिए. वहीं सभी को सही तरीके से हाथ को साबुन से धोना चाहिए. खासकर टॉयलेट से आने के बाद. नहाने के तौलिये को शेयर न करें. फल और सब्जियों को सही तरीके से धोकर इस्तेमाल करें. किचन के फर्श की सही से सफाई करें. वायरस से संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रहें.

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