पूरे शरीर के ज्वाइंट को हिला देता रूमेटाइड अर्थराइटिस, ये 5 लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं इलाज, वरना होगी दिक्कत

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हाइलाइट्स

रूमेटाइड अर्थराइटिस ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें गलती से खुद की इम्यूनिटी ही हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगती है.
ऑस्टियोअर्थराइटिस की तरह इसमें भी जोड़ों में बेपनाह दर्द होता है.

Rheumatoid Arthritis: ऑस्टियोअर्थराइटिस सबसे अधिक कॉमन अर्थराइटिस है. इसमें हड्डियों के जोड़ों में दोनों तरफ से कुशन देने वाले कार्टिलेज फटने लगता है जबकि रूमेटाइड अर्थराइटिस में इम्यून सिस्टम ही ज्वाइंट्स पर हमला करने लगता है. इससे कार्टिलेज घिसने लगता है. दोनों अर्थराइटिस में जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है. दोनों में स्टीफनेस आ जाती है. दोनों में सूजन लग जाती है लेकिन रूमेटाइड अर्थराइटिस ज्यादा तकलीफदेह होता है और इसमें ज्यादा सूजन लग जाती है.

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक दोनों में कुछ लक्षण समान होते हैं लेकिन रूमेटाइड अर्थराइटिस शरीर के कई जोड़ों को एक साथ प्रभावित करता है जबकि ऑस्टियोअर्थराइटिस में कुछ ज्वाइंट ही प्रभावित होते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि रूमेटाइट अर्थराइटिस पूरे शरीर के ज्वाइंट को हिला देता है.

रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण
रूमेटाइड अर्थराइटिस बेहद दर्दनाक बीमारी है जिसमें मरीज को बेहद तकलीफ होती है. रूमेटाइड अर्थराइटिस ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें गलती से खुद की इम्यूनिटी ही हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगती है. इस प्रक्रिया में एंजाइम निकलती है जो ज्वाइंट की लाइनिंग को नुकसान पहुंचाने लगती है.

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण

1.बुखार-फ्लू –रूमेटाइड अर्थराइटिस में जब सूजन परेशान करने लगती है तो हल्का बुखार आता है. किसी-किसी में फ्लू जैसे लक्षण भी दिखते हैं.

2.जोड़ों में दर्द-ऑस्टियोअर्थराइटिस की तरह इसमें भी जोड़ों में बेपनाह दर्द होता है. चूंकि इसमें कई जोड़ों में एक साथ सूजन लगती है, इसलिए पूरे शरीर में इस दर्द का असर होता है.

3. जोड़ों में स्टीफनेस-आमतौर पर पहले ज्वाइंट की हड्डियों में स्टीफनेस बढ़ती है. यह स्टीफनेस या अकड़न बहुत पेनफुल होता है.

4.सूजन-रूमेटाइट अर्थराइटिस में सूजन ऑस्टियोअर्थराइटिस से ज्यादा होती है. ज्वाइंट के पास पूरा सूज जाता है. यह बहुत तकलीफदेह होता है. जिस तरह शरीर के एक तरफ दर्द होता है, उसी तरह शरीर के दूसरे तरफ भी दर्द होता है. सुबह में ज्यादा दर्द होता है.
5. थकान और कमजोरी- रूमेटाइड अर्थराइटिस में हाथ, पैर, कलाई और घुटनों के ज्वाइंट्स पर असर होता है. सूजन के कारण शरीर में बहुत अधिक कमजोरी और हमेशा थकान रहती है.

क्या इलाज है

एकदम शुरू में इलाज कराने पर दर्द से राहत मिलती है. हालांकि इसका कोई ठोस इलाज नहीं है लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है जिससे दर्द नहीं होता. इससे जीवन की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सकता है. डॉक्टर स्टेरॉयड आधारित दवा लेने की सलाह देते हैं.


इस बीमारी से कैसे बचें

रोजाना शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से रुमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा कम हो जाता है. इसके साथ जो महिलाएं बच्चों को दूध पिलाती है, उन्हें इस बीमारी का खतरा कम है. स्मोकिंग, शराब आदि से परहेज कर भी इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही वजन पर नियंत्रण कर इस बीमारी से बचा जा सकता है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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