पुरुषों से ज्यादा क्यों जीती महिलाएं और क्यों कम होती बीमारियां, हार्वर्ड ने ढ़ूंढ लिया जवाब, जान लेंगे तो फायदे में रहेंगे

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हाइलाइट्स

पुरुष टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को अपनी मर्दानगी का प्रतीक मानता है, लेकिन यह समय से पहले हार्ट के मसल्स को छलनी करने लगता है.
पुरुषों में कुछ वाई क्रोमोजोम का बीमारियों से लिंक होता है

Why Do Women Live Longer than Men: पुरुषों की लंबाई महिलाओं से अधिक होती है. पुरुष के मसल्स भी महिलाओं से ज्यादा होते हैं. पुरुष महिलाओं की तुलना में ज्यादा तेज दौड़ सकता है, ज्यादा भार उठा सकता है, खेल के मैदान में भी ज्यादा फुर्ती दिखा सकता है लेकिन जब बात मेडिकल टर्म की आती है तो हर मामले में पुरुष कमजोर होते हैं. पुरुष महिलाओं के मुकाबले कम जीते हैं और महिलाओं की तुलना में उसे बीमारियां भी ज्यादा लगती है. यही कारण है कि पुरुषों को वीकर जेंडर माना जाता है. पिछले सौ सालों में लोगों की डाइट में बढ़ोतरी हुई है, बीमारियों से लड़ने की दवाइयां आ गई है, तंबाकू का सेवन घटा है, इन सबसे औसतम उम्र में जरूरी इजाफा हुआ है लेकिन आज भी पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा हेल्दी रहती हैं और ज्यादा दिनों तक जीवित रहती हैं.

आखिर इन सबका क्या कारण है. हार्वर्ड मेडिकल ने अपने एक अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि इसके कई कारण है और इसमें विज्ञान या कुदरत का बड़ा योगदान है. यह पूरे जीवन भर का गैप है. महिला जन्म लेते ही हेल्थ के मामले में मेल बेबी से ताकतवर हो जाती है. हालांकि ऐसा क्यों होता है, इसका शत-प्रतिशत जवाब किसी के पास नहीं है लेकिन हार्वर्ड के विश्लेषण में कुछ कारक बताए गए हैं जो महिलाओं को मजबूत जेंडर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

ये हैं कारण

1.जीन-हार्वर्ड मेडिकल की वेबसाइट के मुताबिक भ्रूण के विकास से ही महिला और पुरुष अलग हो जाता है. हालांकि दोनों में 23 जोड़े क्रोमोजोम होते हैं. 22 जोड़े क्रोमोजोम तो दोनों लिंग में समान होते हैं लेकिन 23वां जोड़ा अलग-अलग हो जाता है. पुरुषों में 23 वें जोड़े में एक एक्स और एक वाई क्रोमोजोम होता है जबकि महिलाओं के 23वें जोड़े में दोनों क्रोमोजम एक्स ही होता है. वाई क्रोमोजोम एक्स क्रोमोजोम से एक तिहाई कम होता है और इसमें एक्स की तुलना में बहुत कम जीन होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि पुरुषों में कुछ वाई क्रोमोजोम का बीमारियों से लिंक होता है और यही कारण है कि पुरुषों में पूरे जीवन मौत का जोखिम महिला से कहीं ज्यादा रहता है.

2. हार्मोन-पुरुष जिस टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को अपनी मर्दानगी का प्रतीक मानते हैं, वहीं टेस्टोस्टेरॉन समय से पहले हार्ट के मसल्स को छलनी करने लगता है और कई तरह के हार्ट डिजीज को जन्म देता है. दूसरी ओर महिलाओं में स्त्रीत्व को प्रोत्साहित करने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन हार्ट की रक्षा करने में कमाल का काम करता है. अब आप समझ गए होंगे कि क्यों महिलाओं में दिल से संबंधित बीमारियां इतनी कम होती है.

3.प्रजनन अंग-पुरुष में प्रोस्टेट ग्लैंड कई परेशानियों को जन्म देता है. हालांकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, यूट्रस कैंसर, गर्भाशय कैंसर के मामले को देखकर आपको लग रहा होगा कि इस मामले में पुरुष ज्यादा सुरक्षित हैं. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. पुरुषों को अन्य कई मामलों में ज्यादा कैंसर होता है.

4.मेटाबोलिज्म-दिलचस्प बात यह है कि हार्ट को सुरक्षित रखने वाला गुड कोलेस्ट्रॉल महिलाओं में ज्यादा होता है. महिलाओं में गुड कोलेस्ट्रॉल 60.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर होता है जबकि पुरुषों में यह सिर्फ 48.5 है. इससे हार्ट से संबंधित बीमारियों का जोखिम तो कम हो ही जाता है. मोटापा और अन्य बीमारियों का भी जोखिम कम रहता है और इससे मेटाबोलिज्म भी सक्रिय रहता है.

5.सामाजिक-व्यावहारिक फेक्टर-इसके अलावा कई सामाजिक फेक्टर रहता है जिसके कारण महिलाएं पुरुषों से मजबूत होती है. महिलाओं के पास वर्क स्ट्रेस कम होता है. महिलाएं ज्यादा सोशल नेटवर्किंग में होती हैं और ज्यादा हिंसा और आक्रामकता महिलाओं का गुण नहीं है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम सिगरेट, शराब, तंबाकू का सेवन करती हैं. ज्यादातर मामलों में महिलाओं की डाइट पुरुषों की तुलना में हेल्दी होती है. महिलाएं घर का काम ज्यादा करती है जिसके कारण उनकी फिजिकल एक्सरसाइज भी ज्यादा हो जाती है. ऐसे कई कारण है जिनकी बदौलत महिलाएं पुरुषों की तुलना में मेडिकली मजबूत होती है.

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