पत्ते में मिलती है ये अनोखी मिठाई, स्वाद ऐसा कि पत्ता चाटने लगते हैं लोग, 3-4 दिन तक नहीं होती खराब

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रोहित भट्ट/अल्मोड़ा. उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की बाल मिठाई तो दुनियाभर में मशहूर है ही, लेकिन आज हम आपको यहां की एक और ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी दीवानगी बाल मिठाई से जरा भी कम नहीं है. हम बात कर रहे हैं सिंगौड़ी की. यह मिठाई शुद्ध खोया से बनाई जाती है और इसमें चीनी के अलावा कुछ और नहीं मिलाया जाता. हालांकि अब कई दुकानदार इसमें ड्राई फ्रूट्स भी डालने लगे हैं. इसका टेस्ट ऐसा होता है कि आप बाकी मिठाई भूल जाते हैं. सिंगौड़ी के लिए मालू के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है. मिठाई को इसी पत्ते में भरा जाता है और कोन शेप में तैयार किया जाता है. अल्मोड़ा की मशहूर मिठाई की दुकान खीम सिंह मोहन सिंह के अलावा अन्य दुकानों पर भी यह मिठाई मिल जाएगी. इसकी कीमत 380 रुपये किलो है. स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटक भी सिंगौड़ी अपने साथ लेकर जाते हैं.

कोलकाता से आए पर्यटक प्रशांत ने कहा कि उन्होंने खीम सिंह मोहन सिंह के वहां से सिंगौड़ी का स्वाद चखा. यह मिठाई बहुत स्वादिष्ट है. इस मिठाई की खास बात यह है कि बहुत ही कम मीठा इसमें मिक्स किया जाता है. जिस तरीके से पहले मिठाइयों में टेस्ट था,वह टेस्ट अब कम जगहों पर देखने को मिलता है, पर यहां पर वह टेस्ट अभी भी बरकरार है. इस मिठाई को वह कोलकाता भी लेकर जा रहे हैं.

सबसे अलग है अल्मोड़ा की सिंगौड़ी
दिल्ली के अमितेश ने कहा कि वह अल्मोड़ा घूमने हैं और यहां की मशहूर बाल मिठाई के साथ पत्ते वाली मिठाई सिंगौड़ी भी लेकर जा रहे हैं. इसमें चीनी की मात्रा बहुत कम है और इसमें नारियल का फ्लेवर भी आता है. जिसका स्वाद सबसे अलग है. उन्होंने खीम सिंह मोहन सिंह की दुकान से बाल मिठाई और सिंगौड़ी खरीदी है. उनका मानना है कि वह अल्मोड़ा के अलावा अन्य जगहों में भी अपने छोटे स्टोर खोल सकते हैं, जिससे लोगों को यहां का स्वाद अन्य जगहों पर भी मिलेगा.

गर्मियों में भी जल्दी नहीं होती खराब
जिला मिष्ठान विक्रेता संघ के अध्यक्ष मनोज सिंह पवार ने कहा कि अल्मोड़ा की बाल मिठाई के साथ यहां की चॉकलेट और सिंगौड़ी भी काफी मशहूर है. इसे बनाने के लिए शुद्ध खोया का प्रयोग किया जाता है और इसमें चीनी के अलावा कई दुकानदार ड्राईफ्रूट्स भी डालते हैं. सिंगौड़ी को भरने के लिए मालू के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है. ठंड के समय में यह मिठाई 3 से 4 दिन चल जाती है और गर्मियों के समय में 1 से 2 दिन इसकी गुणवत्ता बनी रहती है. इसकी कीमत ₹380 किलो है.

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