डेंगू के मरीज अपनाएं यह तरीका, मात्र तीन दिन में ही हो जाएंगे फिट, एक्सपर्ट से जानिए सब

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अभिषेक माथुर/हापुड़. उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में डेंगू अपना कहर बरपा रहा है. स्थिति यह है कि डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है. इसी के साथ हापुड़ जिले में डेंगू के मरीजों के इस आंकड़े ने पिछले दो साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. हालांकि स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा की जांच कर रही हैं और मौके पर ही लार्वा मिलने पर उसे नष्ट भी कराया जा रहा है, लेकिन मरीजों की संख्या में कमी नहीं हो रही है.

हापुड़ जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि सीएचसी में बुखार के करीब 500 से ऊपर मरीज आ रहे है. 73 मरीजों की जांच के दौरान पाया गया कि आठ मरीज डेंगू से ग्रसित हैं. हापुड़ जिले में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या का आंकड़ा 100 से बढ़कर 104 हो गया है. मरीजों का सीएचसी में उपचार किया जा रहा है और लगातार उनकी निगरानी की जा रही है.

तो नहीं होंगे डेंगू का शिकार

डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए सबसे पहले सावधानी जरूरी है. डेंगू का मच्छर दिन के समय ही काटता है, जबकि शाम के समय डेंगू के मच्छर के काटने का खतरा नहीं होता है. उन्होंने बताया कि डेंगू अधिकांश झाड़ियों में होता है या फिर पानी की लेयर में मिलता है. घर में रखे कूलर की घास में नमी वाली जगह डेंगू पनपता है तथा घर में रखे टायर, पानी की बोतल, कूढ़ा-कचरा आदि में डेंगू का लार्वा बनता है. जहां से यह मच्छर पनपकर वार करते हैं. ऐसे में इन जगहों की साफ-सफाई करके डेंगू को खत्म किया जा सकता है.

डेंगू के मरीज को नहीं करनी चाहिए प्लेटलेट्स की चिंता

हापुड़ सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि डेंगू में मरीज को प्लेटलेट्स की चिंता नहीं करनी चाहिए. शरीर में प्लेटलेट्स कम ज्यादा होती रहती है. यह सामान्य बुखार या टाइफाइड के दौरान भी ऊपर नीचे होती रहती हैं. ऐसे में मरीजों को प्लेटलेट्स का चेकअप नहीं कराना चाहिए. डेंगू से पीड़ित मरीजों को तभी प्लेट्लेट्स की जांच करानी चाहिए, जब शरीर टूट रहा हो या फिर जोड़ों में दर्द हो या इसके अलावा ब्लीडिंग हो रही हो. तब ही मरीज को प्लेटलेट्स की जांच करानी चाहिए.

डेंगू के मरीज न करें ये गलती

डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि डेंगू से ग्रसित मरीज को पुष्टि होने पर घबराना नही चाहिए, बल्कि सावधानी बरतनी चाहिए. मरीज को किसी भी हालत में नजदीकी मेडिकल स्टोर या झोलाछाप चिकित्सक से दवाई नहीं लेनी चाहिए. उन्हें सबसे पहले किसी सरकारी या निजी अस्पताल में ही जाकर अपना चेकअप कराना चाहिए और उसके बाद ही किसी तरह की दवाई का सेवन करना चाहिए. उन्होंने बताया कि डेंगू के मरीजों को झोलाछाप चिकित्सक के द्वारा दी गई स्टेरॉयड डेंगू की एंटी होती है. यह गुलाबी कलर की गोली स्टेरॉयड दवा मरीजों की इम्यूनिटी पावर को कम कर देती है, जिससे डेंगू का असर मरीज पर हावी हो जाता है. ऐसे में उन्हें इस तरह की गोली और मेडिकल स्टोरों व झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाई से सावधान रहना चाहिए.

तीन दिन में मरीज होगा फिट

सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश खत्री ने दावा किया है कि डेंगू से पीड़ित मरीज मात्र तीन दिन में ही फिट हो जाएगा., बस उसे आसान से ये टिप्स को फॉलो करना होगा. उन्होंने बताया कि डेंगू के दौरान मरीज को अपने शरीर में किसी भी तरह से पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए. पानी की मात्रा शरीर में बनी रहे, इसके लिए समय-समय पर नींबू का पानी, साफ स्वच्छ पानी, छाछ, मट्ठा, शिकंजी, ओआरएस घोल आदि का बार-बार सेवन करते रहना चाहिए. इसके अलावा अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए खान-पान का सेवन समय-समय पर करते रहना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि मात्र दिन में ही डेंगू का मरीज बहुत जल्द ही रिकवर कर लेगा.

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