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नई दिल्ली. ‘गुड्डी’, ‘अभिमान’, ‘शोले’, ‘सिलसिला’ जैसी कई कल्ट क्लासिक फिल्मों में जया बच्चन ने अलग-अलग किरदारों को पेश कर ये बता दिया कि वह 60-70 के दशक नामी सितारों से कम नहीं हैं. अपनी किरदारों से उन्होंने अमिट छाप छोड़ी. 1963 से फिल्म में डेब्यू करने वाली जया बच्चन ने अपने फिल्म करियर में 54 फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए हैं. इन भूमिकाओं के लिए ही उन्हें कई अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया. फिल्मी करियर के 61 साल होने के बाद भी इंडस्ट्री को लेकर उनके मन में एक टीस है, जो हाल ही में उन्होंने निकाल दी.
जया बच्चन अपने गुस्से के साथ अपनी अपार प्रतिभा और यादगार भूमिकाओं के लिए जानी जाती है. उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दी, जिनको लोग आज भी बड़े चाव से देखते हैं. हाल ही में एक्ट्रेस ने उस टीस का जाहिर किया, जो 61 सालों से उनके मन में थी और जिसके लिए उन्हे बेहद बुरा लगता था.
जया बच्चन ने निकाली 61 सालों की टीस
सराहना, जो तुरंत हो सकती है, और मान्यता, जो जीवन भर बनी रहती है. इन दोनों के बीच एक पतली रेखा होती है और दिग्गज एक्ट्रेस जया बच्चन इसे समझती हैं. स्क्रीन आइकन जया बच्चन ने हाल ही में अपनी टीस निकाली. उन्होंने कहा कि उनके काम को हमेशा उचित पहचान नहीं मिली होगी, जिसे अब वह स्वीकार कर चुकी हैं.
जया बच्चन अपनी नातिन के पॉडकास्ट का हिस्सा बनीं. (फोटो साभार: Instagram@jaya_bachchan_)
1971 में की बॉलीवुड में एंट्री
जया बच्चन ने साल 1971 में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और पहली फिल्म से ही वह ‘गुड्डी’ के नाम से पहचाने जाने लगी. हाल ही में उन्होंने अपनी नातिन पॉडकास्ट ‘व्हाट द हेल नव्या’ में अपने करियर को लेकर बात की. नव्या ने जब उनकी विफलताओं के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘जब किसी कलाकार को पहचान नहीं मिलती है, तो वास्तव में बुरा लगता है.’
‘मैं नहीं कहूंगी- ये ही मेरी किस्मत है…’
‘गु्ड्डी’ एक्ट्रेस ने कहा कि कभी-कभी, मुझे लगता है कि हमने पाथ ब्रेकिंग, यूनीक और शानदार का किया है, लेकिन उसके लिए जो क्रेडिट मिला, वो काफी नहीं था. उन्होंने कहा मैं यहां क्रेडिट यानी पहचान की बारे में बात कर रही हीं सराहना की नहीं. फिर आप सोचते हैं कि यहीं आपकी किस्मत है, लेकिन मैं ऐसा नहीं कहूंगी कि मुझे फर्क नहीं पड़ा. मुझे बुरा लगा, क्योंकि ये ठीक नहीं था.
श्वेता ने भी झेला है दर्द
वहीं, जया की बेटी श्वेता, जो चैट के दौरान भी मौजूद थीं उन्होंने अपनी पेशेवर विफलता के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि कैसे साल 2018 में आई उनकी पहली किताब, ‘पैराडाइज़ टावर्स’ को निगेटिव रिव्यूज मिली. श्वेता ने बताया कि प्रभाव इतना गंभीर था कि उन्होंने लिखना पूरी तरह से बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि और इसने मुझे खुद पर संदेह करने पर मजबूर कर दिया था.
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Tags: Amitabh bachchan, Jaya bachchan, Navya Naveli nanda, Shweta bachchan nanda
FIRST PUBLISHED : March 16, 2024, 11:37 IST
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