जन्म से अंधा असली हीरो, गरीबी में गुजरा बचपन और जवानी में खड़ी कर दी 50 करोड़ी

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मुंबई. हीरो, ऐसा शब्द जिसके अर्थ से ही साफ है कि विषम परिस्थितियों के बीच भी अपने सामर्थ्य से एक नई किरण का निर्माण करना. हीरो एक ऐसा कॉमन नाउन जो हर क्षेत्र में मेधावी लोगों के लिए समर्पित है. लेकिन इस जटिल दुनिया में अपना नाम और पैसा कमाने के लिए लोगों को कितना जतन करना पड़ता है. दो हाथ पैर और सामान्य शरीर वाले लोग भी वर्तमान में ऐश्वर्य ढूंढना बहुत मुश्किल होता है. लेकिन फिर इसी समाज में कुछ ऐसे भी लोग देखने को मिलते हैं जो बेचारगी के सारे बहानों को तोड़कर सफलता की एक नई इबारत रचते हैं. ऐसे ही एक हीरो की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, जो जन्म से अंधा था. जिसका बचपन दक्षिण भारत के किसान परिवार में पनपती गरीबी के बीच बीत गया. लेकिन जहीन और प्रतिभा से भरे इस मेहनती हीरो ने अंधेपन जैसी विकराल कमी को भी एक हथियार बनाया और शिक्षा के क्षेत्र में असीम सफलता हासिल की.

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