गृह-सहकारिता मंत्री अमित शाह की बैठक में हुआ फैसला, PACS को मिलेगी और मजबूती

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नई दिल्‍ली. गृह-सहकारिता मंत्री अमित शाह (Home-Cooperative Minister Amit Shah) की मौजूदगी में सहकारिता सेक्टर के लिए अहम फैसला लिया गया है. इसके तहत प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी यानि PACS को भी रीटेल में डीजल, पेट्रोल और एलपीजी बेचने का दिया जाएगा. इस बैठक में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे. मौजूदा थोक पेट्रोल / डीज़ल डीलरशिप लाइसेंसधारी पैक्स (PACS) को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सहमति दे दी है. इससे पैक्स मजबूत होंगे और इनसे जुड़े लोगों की आय में वृद्धि होगी. इस बैठक में नए पेट्रोल / डीजल डीलरशिप आवंटन में पैक्स को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया. अब पैक्स को भी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप मिल सकेगी, इसके लिए पैक्स की पात्रता को मंज़ूरी मिली है.

बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के अनुसार इथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम के तहत सहकारी चीनी मिलों को इथेनॉल खरीद के लिए अन्य निजी कंपनियों के अनुरूप प्राथमिकता दिए जाने पर सहमति बनी है. वहीं, बैठक में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता क्षेत्र को बढ़ाने और इसे मज़बूती प्रदान करने के लिए निरंतर सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया. बयान में कहा गया है कि इसके तहत मौजूदा पैक्स को अपने थोक उपभोक्ता पंपों को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए एक बार विकल्प दिया जाएगा. पेट्रोलियम मंत्रालय एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पैक्स को पात्र बनाने के लिए नियमों में बदलाव भी करेगा और नए पेट्रोल / डीजल डीलरशिप के आवंटन में पैक्स को स्वतंत्रता सेनानी तथा स्पोर्ट्स कोटे के साथ कंबाइंड केटेगरी 2 (CC 2) श्रेणी में रखा जाएगा.

PACS  ग्रामीण आर्थिक विकास का आधार बनेंगी 
पैक्स के लिए मॉडल बायलॉज़ बनाए गए हैं, जिनके माध्यम से देशभर की लगभग 1 लाख पैक्स ग्रामीण आर्थिक विकास का आधार बन सकेंगी और 25 से भी अधिक विभिन्न गतिविधियों के ज़रिए देश के 13 करोड़ से भी अधिक किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगी. इसके अलावा, पैक्स के हाथ मज़बूत करने के लिए सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की केन्द्रीय प्रायोजित योजना चलाई जा रही है, जिससे पैक्स एक कॉमन नेश्नल सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड से जुड़ पाएंगी. इसके साथ ही, सहकारिता मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता भी किया है, जिसके तहत सीएससी की 300 से भी अधिक ई-सेवाओं को पैक्स के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता तक पहुँचाया जा सकेगा. सहकारिता मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों में सभी पंचायतों/गाँवों में 2 लाख बहुद्देशीय पैक्स व प्राथमिक डेयरी/मत्स्यपालन सहकारी समितियाँ स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही, जेम (GEM) पोर्टल पर सहकारी समितियों को खरीददार के रूप में शामिल किया गया है और पैक्स के स्तर पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का विकेंद्रीकरण भी किया जा रहा है.

Tags: Home Minister Amit Shah, गृह मंत्री अमित शाह

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