‘कांग्रेसमय’ कर्नाटक: कांग्रेस के नाम यहां कई रिकॉर्ड, 1994 के बाद बस इसे ही मिला बहुमत

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निवेदिता सिंह
बेंगलुरु.
कर्नाटक हाल के वर्षों में खंडित जनादेश और त्रिशंकु विधानसभा देने वाला राज्य रहा है. हालांकि शनिवार को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है. वैसे वर्ष 1994 के बाद केवल कांग्रेस ही राज्य के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करने में कामयाब रही है, वह भी तीन बार- 2023, 2013 और 1999 में. इसके अलावा वर्ष 1994 के चुनाव में जेडीएस को स्पष्ट बहुमत मिला था.

कर्नाटक में पिछली बार किसी पार्टी को वर्ष 2013 में स्पष्ट बहुमत मिला था, जब कांग्रेस को 122 सीटें मिली थीं और सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया था.

राज्य के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो सिद्धारमैया ने वर्ष 2018 में जब अपना कार्यकाल पूरा किया, तो वह बीते 40 साल में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्नाटक के पहले मुख्यमंत्री बने. इसके साथ ही राज्य के इतिहास में यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह दूसरे मुख्यमंत्री थे. उनसे पहले, केवल डी देवराज उर्स वर्ष 1972 से 1977 के दौरान कार्यकाल पूरा करने में कामयाब रहे थे.

एसएम कृष्णा ने समय पूर्व ही करा दिया था चुनाव
वर्ष 1999 में भी कांग्रेस ने भी 133 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए चुनाव जीता था. हालांकि, इसके बावजूद सरकार ने कार्यकाल पूरा नहीं किया. एसएम कृष्णा ने 1999 और 2004 के बीच स्थिर सरकार प्रदान की थी, लेकिन उन्होंने  कार्यकाल पूरा होने से पांच महीने पहले ही चुनाव कराने का फैसला कर लिया था.

कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसे 1989 के बाद से स्पष्ट जनादेश मिल सका है. कांग्रेस ने तब 178 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जो कि आज तक एक रिकॉर्ड है. हालांकि इस बीच वर्ष 1994 में जेडीएस को मिले बहुमत को एक अपवाद के रूप में रखा जा सकता है.

कांग्रेस ने नाम है इतिहास की 5 सबसे बड़ी जीत
राज्य के इतिहास में 5 सबसे बड़ी जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड भी कांग्रेस के ही नाम है. 1989 में जहां इसने 178 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं 1972 में 165 सीटें, 1957 में 150 सीटें; 1978 में 149 सीटें और 1962 में 138 सीटें कांग्रेस ने अपने नाम की. वहीं इस बार के चुनाव परीणाम वर्ष 1989 के बाद कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन है.

इस बीच कर्नाटक में बीजेपी ने भले ही सरकार बनाई हो, लेकिन राज्य में कभी भी वह स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर पाई. भाजपा दो मौकों पर 113 के बहुमत के निशान के करीब पहुंच गई, हालांकि वह इसे कभी पार नहीं कर सकी. वर्ष 2018 में उसे 104 सीटें मिली थीं और वर्ष 2008 में 110 सीटें जीती थीं.

Tags: Assembly election, Congress, Karnataka Assembly Election 2023

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