इस एक मिनिरल की कमी से लुंज-पुंज हो जाती हैं नसें, शरीर में नहीं बच पाती है जान, लक्षण से पहचानें कहीं आप तो नहीं हो रहे शिकार

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Potassium Deficiency: पोटैशियम हमारे शरीर के कतरे-कतरे में मौजूद होता है. यह इलेक्ट्रोलाइट की तरह काम करता है यानी इसमें बहुत कम मात्रा में इलेक्ट्रिक करंट रहता है. क्योंकि पोटैशियम की मदद से शरीर के प्रत्येक हिस्सों में नसें इलेक्ट्रिक करंट पहुंचाता है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक इससे दिमाग से निकले सिग्नल या संदेश अन्य अंगों तक पहुंच पाता है. नर्व या नसें तंदुरुस्त रहती है तो हम हाथ या पैर से कोई काम सही से कर पाते हैं. इतना ही नहीं पोटैशियम शरीर में कोशिकाओं के अंदर फ्लूड लेवल को बैलेंस करता है और कोशिकाओं से बाहर सोडियम के साथ मिलकर फ्लूड को मैंटेन करता है. शरीर में पोटैशियम की कमी हो जाए तो इसे हाइपोकेलेमिया कहते हैं. सामान्य तौर पर पोटैशियम हमारे कई तरह के भोजन में मौजूद रहता है लेकिन कई बार शरीर में इसकी कमी हो जाती है. जाहिर है अगर शरीर में पोटैशियम की कमी हो जाए तो नसें लुंज-पुंज होने लगेंगी और शरीर में ताकत की कमी लगने लगेगी. आइए पहले जानते हैं कि पोटैशियम की कमी क्यों होती है और इसके क्या लक्षण हैं.

पोटैशियम की कमी के कारण

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक कई स्थितियों में पोटैशियम की कमी हो सकती है. पहला तो यह कि यदि भोजन से पोटैशियम कम मिले और दूसरा पेट में पोटैशियम का अवशोषण कम हो. अगर पेट में पोटैशियम को अवशोषित करने वाले एंजाइम कम बन रहे हैं तो भोजन से प्राप्त होने के बावजूद पोटैशियम शरीर में नहीं जाएगा. आमतौर पर जब पेट खराब होने की वजह से उल्टी हो जाए या डायरिया लग जाए या आपने लेक्सेटिव चीजों का यूज किया है तो पोटैशियम की कमी हो जाती है.

पोटैशियम की कमी के लक्षण

जब शरीर में पोटैशियम की कमी होती हैं तो नसें लुंज-पुंज होने लगती है. इसके साथ ही दिल में घबराहट होने लगती है. बहुत अधिक शरीर में कमजोरी, थकान, हाथ-पैर में सुन्नापन, मसल्स में कमजोरी इसके लक्षण हैं. जब पोटैशियम की बहुत अधिक कमी होने लगे तो मसल्स में क्रैंप होने लगता है, ब्लड प्रेशर लो हो जाता है, बहुत अधिक प्यास लगती है, बहुत ज्यादा पेशाब होता है, धड़कन बहुत उपर-नीचे हो जाता, मरीज बेहोश होने लगता है, यहां तक कि इस स्थिति में पैरालाइसिस भी हो सकता है. पोटैशियम खून की नलिकाओं को रिलेक्स पहुंचाता है जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है. इसलिए इसकी कमी पर ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है. इससे हार्ट डिजीज के जोखिम बढ़ जाता है. पोटैशियम मसल्स को संकुचन में मदद करता है लेकिन जब संकुचन नहीं होगा तब मांसपेशियों में तरह-तरह की दिक्कत होने लगेगी. पोटैशियम की कमी से पाचन तंत्र भी कमजोर हो सकता है. वास्तव में पोटैशियम दिमाग को डाइजेस्टिव सिस्टम के आसपास के मसल्स में संकुचन का संदेश रिले करता है जिसके नहीं रहने पर बाउल मूवमेंट में परेशानी होती है.

पोटैशियम की कमी के लिए क्या खाएं

आमतौर पर कई तरह के भोजन में पौटेशियम की थोड़ी-बहुत मात्रा होती है. लेकिन अगर उपर के लक्षण आपमें हैं तो इसके लिए अतिरिक्त चीजें खानी पड़ेगी. इसके लिए आप हरी पत्तीदार सब्जियों का सेवन ज्यादा करें. स्क्वैश, पालक, केल आदि का सेवन फायदेमंद रहेगा. वहीं साइट्रस फ्रूट्स से ज्यादा मात्रा में पोटैशियम प्राप्त किया जा सकता है. इसके अलावा आप अपनी डाइट में कुछ दिन किशमिश, खुबानी, बींस, फलीदार सब्जियां, ब्रोकली, एवोकाडो, टमाटर, डेयरी, छाछ आदि का सेवन बढ़ा दें.

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