इन 5 फ्रूट जूस-ड्रिंक से रहें जरा बचकर! मिले हैं जहरीले टॉक्सिन, वैज्ञानिक भी हैरान, संभलकर करें इस्तेमाल

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हाइलाइट्स

शोधकर्ताओं ने अमेरिका में 60 से ज्यादा अमेरिकन सॉफ्ट ड्रिंक और मिक्स्ड फ्रूट जूस में मिले कंटेंट का विश्लेषण किया.
ध्ययन में पाया कि दो तरह के मिक्स फ्रूट जूस में अर्सेनिक का लेवल 10 माइक्रोग्राम प्रति लिटर से कहीं ज्यादा है.

Toxin metals in Soft Drink and Juice: रोजाना के जीवन हममें से अधिकांश लोग बाजार से सॉफ्ट ड्रिंक और कभी-कभी पैकेटबंद फ्रूट जूस मंगाते ही हैं लेकिन इन पैकेटबंद फ्रूट जूस और सॉफ्ट ड्रिंक में जरूरत से ज्यादा टॉक्सिक मैटेरियल हो सकता है. शोधकर्ताओं ने दुनिया के अमीर देशों में मिलने वाले कम से कम पांच तरह के सॉफ्ट ड्रिंक और फ्रूट जूस में जरूरत से अधिक टॉक्सिक मैटिरयल को पाया है जो हेल्थ को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. तुलाने यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि 5 तरह के डिंक्स में टॉक्सिक मेटल देश के कानून के मानक से बहुत ज्यादा है.

अपने अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने अमेरिका में 60 से ज्यादा अमेरिकन सॉफ्ट ड्रिंक और मिक्स्ड फ्रूट जूस में मिले कंटेंट का विश्लेषण किया. इनमें मिले 25 अलग-अलग तरह के टॉक्सिक मेटल और अन्य हानिकारक तत्वों का पता लगाया तो पाया कि ये टॉक्सिक मेटल तय मानक से कहीं ज्यादा हैं.

मिक्स जूस और प्लांट बेस्ड मिल्क में भी जहर
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि दो तरह के मिक्स फ्रूट जूस में अर्सेनिक का लेवल 10 माइक्रोग्राम प्रति लिटर से कहीं ज्यादा है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि जितने तरह के लोकप्रिय सॉफ्ट ड्रिंक हैं उन सबमें लेड का लेवल कुछ न कुछ मात्रा में जरूर ज्यादा है. इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने गाजर मिक्स और फ्रूट जूस, क्रेनबरी जूस और ओट मिल्क में कैडमियम का स्तर भी बहुत ज्यादा पाया. हैरानी की बात यह है कि जिस प्लांट बेस्ड मिल्क बेहद औषधिवर्धक माना जाता है, उसमें भी टॉक्सिक मेटल की अधिकता थी जबकि कुछ फ्रूट जूस में भी ज्यादा टॉक्सिक मेटल मिले.

इतने खतरनाक रसायन मिले

शोधकर्ताओं ने जब इस ड्रिंक में मिले तत्वों का विश्लेषण किया तो इनमें जहरीले अर्सेनिक, बोरोन, सेलेनियम, स्ट्रोनियम, कैडमियम, मैग्नीज और निकले की मात्रा कहीं ज्यादा पाई गई. ये सभी रसायन बेहद हानिकारक होते हैं और किडनी, हार्ट, लिवर, आंखें सहित कई अंगों पर सीधा हमला करते हैं. इतना ही नहीं इन जहरीले रसायन से पेट में पल रहे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है. शोधकर्ता टीवोडरोस ने बताया कि यह हैरानी की बात है कि अमेरिका में सॉफ्ट ड्रिंक में मिले टॉक्सिक की जांच के लिए कोई अध्ययन नहीं होता. यह इस तरह का पहला अध्ययन है, इसलिए इसपर और अधिक रिसर्च करने की जरूरत है. इस अध्ययन के बाद लोगों में जागरूकता आएगी. उन्होंने कहा कि इस अध्ययन के बाद लोगों को अपने बच्चे को ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक और प्लांट बेस्ड दूध नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अर्सेनिक, लेड और कैडमियम बच्चों के विकास को बाधा पहुंचाते हैं और खासकर बौद्धिक विकास को रोक देते हैं.

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