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Non Alcoholic Fatty Liver Disease: बीमारी हमारे शरीर में कहकर नहीं घुसती. भले ही आपको लगे कि आपको कोई बीमारी नहीं है लेकिन दुनिया के अधिकांश लोग किसी न किसी बीमारी से पीड़ित रहते हैं. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर यानी पीजीआई चंडीगढ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चंडीगढ़ के आधे लोगों को नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज है. इसका मतलब यह हुआ है कि लिवर में खतरनाक चर्बी ने अपना घर बना लिया है. नॉन-अल्कोहलिक का मतलब है बिना शराब पीए. यानी यदि आप शराब नहीं भी पीते हैं तो भी लिवर की यह बीमारी हो सकती है. पीजीआई की रिपोर्ट में पाया गया कि इन लोगों में पहले से कोई लक्षण नहीं था, इसके बावजूद ये लोग फैटी लिवर डिजीज के शिकार थे. नॉन-अल्कोहलिक लिवर डिजीज को अगर ठीक न किया जाए तो यह क्रोनिक लिवर डिजीज में बदल जाता है और इससे पूरे शरीर में हलचल मच जाती है. इससे लिवर सिरोसिस की बीमारी भी हो सकती है.
रिपोर्ट में सामने आई ये बात
पीजीआई में लिवर डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. अजय दसूजा ने बताया कि यह रिपोर्ट आंखें खोल देने वाली है. स्टडी में पाया गया है कि चंडीगढ़ के 53 प्रतिशत लोग नॉन-अल्कोहलकि फैटी लिवर डिजीज के शिकार हैं. अध्ययन में उन लोगों के ब्लड का परीक्षण किया गया जिनका किसी न किसी कारण से अस्पताल में ब्लड सैंपल लिया जाता था. डॉ. अजय दसूजा ने बताया कि इन लोगों का अनजाने में पीजीआई के ब्लड ट्रासफ्यूजन डिपार्टमेंट में परीक्षण किया गया. इनमें से अधिकांश में फैटी लिवर डिजीज का कोई लक्षण नहीं था. यानी इन्हें पता ही नहीं था कि उन्हें लिवर से संबंधित कोई बीमारी है. डॉ. अजय दसूजा ने बताया कि दुनिया भर में लोग फैटी लिवर डिजीज से परेशान हैं. इसलिए भारत भी इसमें पीछे नहीं है. ऐसे में हर व्यक्ति को एक उम्र के बाद फैटी लिवर डिजीज के लिए जांच करानी चाहिए.
क्यों हो रहा है फैटी लिवर डिजीज
डॉ. अजय दसूजा ने बताया कि फैटी लिवर डिजीज का सबसे बड़ा कारण हमारा गलत खान-पान है. इसके अलावा एक्सरसाइज नहीं करना लिवर के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी करती है. उन्होंने कहा कि जब हम बहुत ज्यादा फैट वाली चीजें जैसे जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा तेल, बटर, चीज वाली चीजें खाते हैं तो इनमें से अधिकांश फैट एनर्जी में नहीं बदलता और यह हमारे लिवर में चर्बी के रूप में जमा होने लगता है जो धीरे-धीरे लिवर को चारों ओर से घेरने लगता है. इसलिए हर व्यक्ति को अनहेल्दी फूड से परहेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 25 साल की उम्र से ही लिवर के लिए ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. वहीं 45 साल से उपर के हर व्यक्ति को साल में एक बार कंपलीट बॉडी चेकअप कराना चाहिए. यदि लिवर में कोई दिक्कत है तो इसका इलाज कराना चाहिए.
कैसे लिवर के रखें तंदुरुस्त
डॉ. अजय दसूजा ने बताया कि लिवर को तंदुरुस्त रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए. रोज वॉकिंग, जॉगिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग आदि फिजिकल एक्टिविटी करते रहना चाहिए. इसके अलावा हेल्दी फूड यानी हरी पत्तीदार सब्जियों, ताजे फलों और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए. पर्याप्त नींद लेनी चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए. वहीं शराब-सिगरेट को हाथ नहीं लगाना चाहिए.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : April 16, 2024, 17:09 IST
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