अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा भारत, रक्षा मंत्रालय की डील को मंजूरी, जानें कितना खतरनाक है ये हथियार

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नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका के साथ एक बड़ा सौदा करने जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने को मंजूरी दे दी है. यह सौदा करीब तीन बिलियन डॉलर का होगा. भारतीय करेंसी में समझें तो करीब 246 अरब रुपये के इस सौदे को पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले हरी झंडी दे दी गई है. भारत लंबे वक्‍त से इस ड्रोन तकनीक को खरीदना चाह रहा था लेकिन पूरा मामला ठंडे बस्‍ते में चला गया था. इजराइल और अमेरिका ही ऐसे देश हैं जिनके पास मौजूदा वक्‍त में इस तकनीक के ड्रोन उपलब्‍ध हैं. ड्रोन की डिलीवरी होने के बाद भारत की सुरक्षा कई गुना बढ़ जाएगी.

प्रीडेटर ड्रोन की खासियत यह है कि ये एक बार उड़ान भरने के बाद करीब 35 घंटे तक हवा में रह सकता है. साथ ही एक बार में यह ड्रोन 1,900 किलोमीटर इलाके की निगरानी कर सकता है. खास तकनीक से चलने वाला यह मानव रहित ड्रोन अपने इलेक्‍ट्रिक सेंसर की मदद से दुश्‍मन की पहचान करने में सक्षम है. इसमें मिसाइल सिस्‍टम भी हैं जो एक बार टार्गेट लॉक होने के बाद दुश्‍मन को खत्‍म करने की क्षमता रखता है. कंट्रोल रूप में बैठकर भारतीय वायुसेना के अधिकारी इसे ऑपरेट कर सकेंगे.

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CCS से मंजूरी का इंतजार
रक्षा मंत्रालय के रक्षा अधिग्रहण परिषद की गुरुवार को हुई बैठक के बाद प्रीडेटर ड्रोन के सौदे को मंजूरी दी गई. हालांकि अभी भारत में ही यह सौदा होने से पहले अन्‍य मंजूरी लेनी अनिवार्य है. रक्षा मंत्रालय की इसपर मंजूरी के बाद अब अंतिम फैसला सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) लेगी. इस डील की खबर मीडिया में आने के बाद पड़ोसी देश चीन और पाकिस्‍तान की चिंताएं बढ़ने वाली हैं. इस तकनीक की मदद से भारत हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र में चीन की मुश्किलें बढ़ा सकता है. वहीं इससे अरब सागर में पाकिस्‍तानी हुक्मरानों के होश उड़ान तय है

Tags: Drone, Drone Attack, India drone

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