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Shitansu Pati Tripathi
नई दिल्ली. अतीक और अशरफ अहमद की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. याचिका में 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमिटी से कराने की मांग की गई है. वकील विशाल तिवारी ने ये याचिका दाखिल की है.
प्रयागराज में शनिवार को पुलिस हिरासत में हमलावरों की गोलियों से मारे गये माफिया-नेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के शवों को रविवार रात स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया गया. राज्य सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई में एक न्यायिक आयोग गठित किया है.
इस मामले में दर्ज रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया है कि तीनों हमलावरों ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर राज्य में अपनी पहचान बनाना चाहते थे. बहरहाल, तीनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
साल 2004 में इलाहाबाद की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और उससे पहले कुल पांच बार विधायक रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शवों को रविवार रात प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच दफना दिया गया. इस दौरान मृतकों के कुछ चुनिंदा दूर के रिश्तेदार ही इस मौके पर मौजूद रहे. करीबी रिश्तेदार यानी अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके नाबालिग बेटे एहजान और अबान में से कोई भी मौजूद नहीं रहा.
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FIRST PUBLISHED : April 16, 2023, 23:22 IST
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