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World Book Fair 2023 Last Day News: पिछला विश्व पुस्तक मेला 2020 में आयोजित हुआ था. इसके बाद कोरोना कहर के चलते लगातार दो साल पुस्तक मेला का आयोजन नहीं हुआ. इस बार प्रगति मैदान के बदले हुए स्वरूप में नए रूप और नए ढंग में लगा किताबों का महाकुम्भ लगातार 9 दिन चला और आज रविवार, 5 मार्च को इसका समापन हो गया.
वर्ल्ड बुक फेयर जहां रोजाना हर बुक स्टॉल पर झोला भर-भर कर किताबों का लोकार्पण हुआ वहीं, पुस्तक प्रेमियों ने भी थैला भर-भर किताबें खरीदीं. मेला में लेखक, प्रकाशक और पाठक तीनों का अनूठा संगम देखने को मिला. यहां ऐसे लोगों का भी मिलन हुआ जिन्हें आपस में मिले हुए दशकों बीत गए थे. केवल फोन पर ही बातचीत से पनपे रिश्तों की बेल आमने-सामने देखकर खिल उठी.
पुस्तक मेला के आखिरी दिन प्रगति मैदान में लोगों का माने सैलाब-सा उमड़ आया. प्रगति मैदान के हर प्रवेश द्वार पर लोगों की लंबी लाइनें लगी देखी गईं. हॉल नंबर 2 से लेकर 5 तक लगे तकरीबन हर बुक स्टॉल पर किताबों के खरीदारों की खूब भीड़ लगी हुई थी. धार्मिक पुस्तकों के सबसे बड़े प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर के स्टॉल पर तो रामायण, महाभारत खरीदने के लिए लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ी.
विश्व पुस्तक मेला के बाहर ‘वर्ल्ड बुक फेयर’ की धूम, 100 रुपये के भाव सेल में बिके बेस्टसेलर
लेखक भी अपने चाहने वालों को ऑटोग्राफ देते और उनके साथ सेल्फी खिंचवाने में व्यस्त रहे. कुछ लेखक तो पूरे नौ दिन के लिए डेरा डाले हुए थे. कुछ नामचीन लेखक और पत्रकार तो किताबों के लोकार्पण के ही मेला में आते थे. अभी इस मंच पर किताब का रैपर फाड़ रहे थे तो तुरंत ही भागकर किसी और स्टॉल पर भाषण देते नजर आ रहे थे. एक ही मंच पर थोक में पुस्तकों का लोकार्पण हो रहा था.
अपने प्रिय लेखक को सुनने के लिए जुटे लोग.
बच्चों ने भी इस पुस्तक मेला में खूब आनंद उठाया. बाल मंडप में बच्चों के लिए दिन में कई-कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. नामचीन बाल साहित्यकारों ने आकर बच्चों को अपनी कहानी-कविताएं सुनाईं तो बच्चों ने भी खूब कहानियां सुनाईं. बच्चों ने पेंटिंग्स और डांस के माध्यम से खूब मनोरंजन किया. बच्चों की स्टेशनरी और किताबों के स्टॉल पर बच्चों ने अपने मां-बाप की जेब भी खूब हल्की कराई.
पुस्तक मेला में सास्कृतिक कार्यक्रम के दौरान उमड़ी भीड़.
बता दें कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला ने इस बार अपने 50 वर्ष भी पूरे किए हैं. 9 दिन चले पुस्तक मेला में 400 से अधिक सत्रों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में 1,000 से अधिक वक्ता और पैनलिस्ट शामिल हुए. ये संख्या तो वह है जो मेला आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट के खातों में दर्ज है. इससे इतर बुक स्टॉलों पर होने वाले कार्यक्रमों और उनमें शामिल होने वाले वक्ता अलग हैं.
पुस्तक मेला के दौरान देश के स्वतंत्रता सेनानियों की याद में अलग से मंडप सजाए गए थे. तमाम वीर शहीदों की तस्वीरें और उनके बलिदानों की जानकारी प्रदर्शित की गई थी. यहां जी-20 का मंडप भी बेहद लोकप्रिय रहा. लोगों ने जी-20 समूह देशों की पुस्तकों का अवलोकन किया.
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Tags: Books, Hindi Literature, Hindi Writer, Literature
FIRST PUBLISHED : March 05, 2023, 23:05 IST
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