This factory’s dominance for Lachcha in Ramzan continues for 46 years – News18 हिंदी

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रूपांशु चौधरी/हजारीबाग.दुनिया भर में रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो चुके है. रमजान के पाक महिने लच्छे को लोग खूब पसंद करते है. जिसको लेकर अभी से ही लच्छे के बाजार सज चुके है. यूं तो लच्छे को ईद में खुब चाव से खाते है. इसे शहरि के समय में खाना पसंद करते हैं. हजारीबाग के गौस नगर में इसी लच्छे की फैक्ट्री मौजूद है. यहां बना हुआ लच्छा हजारीबाग सहित झारखंड के सभी जिलों और बिहार तक भी सप्लाई किया जाता है.

हजारीबाग गौसनगर स्थित लच्छे फैक्ट्री के संचालक पप्पू जी बताते हैं कि उनके पिताजी के द्वारा यहां पर पिछले 46 सालों से लच्छे बनाकर झारखंड सहित बिहार के कई जिलों में सप्लाई किया जा रहा है. ईद के समय में लोग लच्छा खूब चाव से खाना पसंद करते हैं. जिस कारण से अभी 24 घंटे फैक्ट्री का संचालन हो रहा है. अभी यहां आठ कारीगर लच्छा बनाने के काम में दिनभर लगे रहते हैं. अभी रोजाना लगभग 1 टन मैदा का लच्छा तैयार किया जाता है.

लच्छा 80 रुपये किलो
उनके फैक्ट्री में चार प्रकार के लच्छे बनाए जाते हैं. जिसमें पहला रिफाइन लच्छे, घी फ्राई लच्छे, गुलाब जल रिफाइन फ्राई और चौथा गुलाब जल घी फ्राई है. सबसे अधिक गुलाब जल घी फ्री लच्छा का डिमांड बाजार में रहता है. लच्छे अभी 80 रुपए किलो है.उन्होंने आगे बताया कि यहां पर लच्छे मशीनों के द्वारा तैयार किया जाता है. जिसके लिए सर्वप्रथम मैदे, पानी, तेल, फ्रेगरेंस को मशीन में मिला कर तैयार जाता है. फिर इस दूसरे मशीन में डालकर रेशा निकाला जाता है. इसके बाद मैदे के रेशे को लच्छे का रूप दिया जाता है. फिर इसे फ्राई किया जाता है. लच्छे फ्राई होने में लगभग 10 मिनट का समय लगता है. फिर लच्छे से तेल एक्स्ट्रा तेल निकालने के लिए स्पिन किया जाता है.

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