Lessons from ukraine war india self reliant in defense sector cds general chauhan future challenges

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नई दिल्ली. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन में जारी जंग से भारतीय सशस्त्र बल यह सबक सीख सकते हैं कि उन्हें हथियारों और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति के लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. ‘रायसीना डायलॉग’ में एक परिसंवाद सत्र में जनरल चौहान ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार की पहल बड़ी संख्या में प्रमुख उपकरण और हथियार प्रणालियों का उत्पादन करने का विकल्प प्रदान कर रही हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन युद्ध ने इस सवाल को उठाया है क्या देशों को छोटे तीव्र युद्धों के लिए क्षमता विकसित करनी चाहिए या उन्हें लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए. सीडीएस ने कहा, “ भारत के मामले में, वास्तव में हमें यह देखना होगा कि भविष्य में हमें किस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है… हमें नहीं लगता कि यूरोप में जो कुछ हो रहा है, उस तरह का कोई लंबा संघर्ष (यहां) होने वाला है.”

यूक्रेन युद्ध हमारे लिए सबक
उन्होंने कहा, “ हमें आत्मनिर्भर होने की जरूरत है. यह हमारे लिए (यूक्रेन युद्ध से) सबसे बड़ा सबक है. हम अपने हथियारों के लिए बाहर (दूसरे देशों) से आने वाली आपूर्ति पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. हम संघर्ष से यही एक बड़ा सबक सीखते हैं.’ जनरल चौहान ने यह टिप्पणी एक सवाल का जवाब देते हुए की.

यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की आलोचना

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का विचार था कि आधुनिक वक्त में युद्ध ‘छोटे और तीव्र’ होंगे लेकिन “ हम जो (यूक्रेन में) देख रहे हैं वे लंबा युद्ध है.” सत्र में अपनी टिप्पणी में, ऑस्ट्रेलिया के रक्षा बल के प्रमुख जनरल एंगस जे कैम्पबेल ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की आलोचना की. उन्होंने कहा, “ यह एक अवैध, अन्यायपूर्ण और बेरहम हमला है और संप्रभु क्षेत्र और एक संप्रभु राष्ट्र की अखंडता का उल्लंघन करता है.”

Tags: G20 Summit, New Delhi news, Russia ukraine war

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