Kotwaleshwar Mahadev Mandir: बिना दर्शन के इंस्पेक्टर नहीं संभालता कुर्सी, पुलिस से पहले बाबा सुनते हैं फरियाद

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हाइलाइट्स

लखनऊ में कोतवालेश्वर महादेव मंदिर की स्‍थापना 1975 में हुई थी.
लखनऊ के एसएसपी एसएन नागा ने 1980 में इसे कोतवालेश्वर महादेव मंदिर का नाम दिया था.

रिपोर्ट-अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ. यूपी के लखनऊ में स्थित कोतवालेश्वर महादेव मंदिर एक ऐसा मंदिर, जोकि चौक कोतवाली के परिसर में बना हुआ है. इस मंदिर के दर्शन किए बगैर इस कोतवाली में आने वाला कोई भी इंस्पेक्टर अपनी कुर्सी पर नहीं बैठता है. कहते हैं कि सभी जाति और धर्म के कोतवाल जब भी चौक कोतवाली में तैनाती पाते हैं, तो सबसे पहले कोतवालेश्वर महादेव के दर्शन करते हैं. वहीं, जो इनके दर्शन किए बगैर कुर्सी पर बैठ जाता है, वह ज्यादा दिन तक कुर्सी पर नहीं टिक पाता.

मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित विशाल गौड़ ने बताया कि इस 1905 में कोतवाली की स्थापना हुई थी जो कि नवाबों की जमीन पर की गई थी. तत्कालीन इंस्पेक्टर पंडित दीनानाथ दुबे ने 1975 में यहां पर शिवलिंग की स्थापना करवाई थी. वह बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के थे. शिवलिंग की स्थापना के वक्त तत्कालीन सभी पुलिसवाले मंदिर में मौजूद थे. इसके बाद इस मंदिर का सौंदर्यीकरण कराने के लिए सभी पुलिसवालों ने चौक के प्रतिष्ठित व्यापारियों से मिलकर बैठक की और सभी से चंदा लेकर इस मंदिर का सौंदर्यीकरण कराया.1980 में लखनऊ के एसएसपी रहे एसएन नागा ने इस मंदिर का नामकरण करते हुए इसे कोतवालेश्वर महादेव मंदिर का नाम दे दिया.

पुलिसवालों के हाथों से होती है स्थापना
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में कोई भी नई मूर्ति की स्थापना होती है तो वह तब तक अपनी स्थान पर नहीं पहुंचती जब तक कि इस थाने के पुलिसवाले उसे हाथ ना लगाएं. मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित विशाल गौड़ की मानें तो 1985 में जयपुर से बजरंगबली की विशाल मूर्ति मंगाई गई थी. उसे यहां विराजमान करना था जब इसे विराजमान करने लगे तो जो मूर्ति पहले हल्की लग रही थी, वही बाद में भारी लगने लगी. जब काफी मशक्कत के बाद ही मूर्ति नहीं उठी तो थाने से संपर्क करके सभी पुलिसवालों को बुलाया गया. वहीं, पुलिसवालों ने जैसे ही मूर्ति को हाथ लगाया, तो मूर्ति अपनी जगह विराजमान हो गई. बजरंगबली की मूर्ति में करीब 4 से 5 कुंटल सिंदूर लगा हुआ है. हर मंगलवार और शनिवार को यहां पर हनुमान जी का श्रृंगार भी किया जाता है.

इसके अलावा सावन के महीने में इस मंदिर में रुद्राभिषेक रोजाना होता है जिसका समय 8:30 बजे से लेकर 10:00 बजे तक होता है. इस मंदिर में रोजाना रात 9:00 बजे आरती होती थी, लेकिन सावन के चलते अभी आरती रात 10:00 बजे हो रही है. मंदिर खुलने का समय सुबह 7:00 बजे है. इसके बाद दोपहर 1:00 बजे बंद हो जाता है.फिर शाम 4:30 बजे से लेकर रात 10:30 बजे तक खुला रहता है.

फरियादियों की भी पुकार सुनते हैं बाबा
ऐसा कहा जाता है कि इस कोतवाली में कोई भी विवाद लेकर आता है तो वह भी सबसे पहले मंदिर पर मत्था टेक कर ही अंदर जाता है. विवादों से बाहर निकलने के लिए भी लोग यहीं पर आकर पूजा करते हैं.

Kotwaleshwar Mahadev Temple

Tags: Lucknow news, Lucknow Police, Sawan

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