India and Australia gave strong message from INS Vikrant to china quad alliance

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नई दिल्ली. स्वदेशी एयरक्रफ्ट कैरियर का निर्माण कर भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जिसके पास एयरक्रफ्ट कैरियर बनाने की तकनीक और क्षमता है. पहले सिर्फ अमेरिका, फ़्रांस, यूके, रूस और चीन के पास ही ये तकनीक थी. INS विक्रांत (INS Vikrant) के नौसेना में शामिल होने के बाद से भारत की ताक़त में इज़ाफ़ा हुआ है तो दुश्मन पाकिस्तान और चीन की पेशानियों पर बल पड़ गया. जैसे ही ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज INS विक्रांत पर पहुंचे और उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया तो इसने चीन की बेचैनियों को और बढ़ा दिया होगा. ये पहली बार है जब किसी दूसरे देश के राष्ट्रीय अध्यक्ष को INS विक्रांत पर गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया.

ये मौका इस वजह से भी खास था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री नज़दीक से भारत की सामरिक
ताक़त और आत्मनिर्भर भारत के तहत तेज़ी से हो रहे नौसेना के ट्रांसफॉर्मेशन को समझने का मौका मिला. इस दौरे से चीन के एक साफ संदेश दिया गया कि क्वाड देशों के रिश्ते सामरिक तौर पर कितने मज़बूत हो रहे है. हालांकि इस वक्त ऑस्ट्रेलिया की नौसेना के पास एयरक्रफ्ट कैरियर नहीं है जहां से फाइटर एयरक्रफ्ट ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सके. हालांकि यूके से लिए हैलिकॉप्टर कैरियर ज़रूर ऑस्ट्रेलिया इस्तेमाल कर रहा है. अगर भविष्य में ऑस्ट्रेलिया किसी एयरक्रफ्ट कैरियर को अपनी नौसेना में शामिल करने का प्लान बनाता है तो स्वदेशी INS विक्रांत जैसे एयरक्रफ्ट कैरियर सबसे मुफ़ीद हो सकता है.

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क्वाड समूह ने बढ़ाई चीन की परेशानी
चीन को काउंटर करने के लिए भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने मिलकर क्वाड समूह बनाया तब से और भी ज़्यादा चीन की परेशानी बढ़ गई. पिछले कुछ साल में क्वाड देशों के बीच सैन्य अभ्यास में भी बढ़ोतरी हुई है. साल 2020 में मल्टीनेशल नौसैन्य अभ्यास मालाबार में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने के बाद से क्वाड देशों के साझा अभ्यास शुरू हो गया. इस साल होने वाले मालाबार नौसैन्य अभ्यास को ऑस्ट्रेलिया पहली बार आयोजित करेगा पिछले साल जापान तट पर मलाबार अभ्यास आयोजित किया गया था जिसका थीम ही था इस बार के अभ्यास का फ़ोकस प्वाइंट में से एक है रैपिड डिप्लॉयमेंट यानी की जंग के मद्देनज़र किस तरह से कौन से जंगी जहाज़ को किस वक्त कहा तैनात करना है और क्वाड देशों की नौसेना के बीच कॉरडेनशन को मज़बूत रखना है.

पिछले साल अगस्त में ही भारतीय नौसेना ने ऑस्ट्रेलिया के तरफ़ से आयोजित किए गए काकाडू नौसेन्य अभ्यास में शिरकत की थी. नौसेना के अलवा पहली बार जापान के साथ वायुसेना का अभ्यास भी शुरू हुआ तो ऑस्ट्रेलिया की थलसेना के साथ महाजन में सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया. उत्तराखंड के औली में अमेरिकी सेना के साथ युद्धाभ्यास भी किया था. अभी भी भारतीय वायुसेना कुछ ऐसे अभ्यास में शामिल है जिसमें जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल है.

अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ़ कॉमर्स रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर होली समारोह में शामिल रही. दिल्ली में G20 की बैठक के साइड लाइन पर भी क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. लगातार ये चारों देश जिस तरह से सामरिक आर्थिक और सांस्कृतिक तौर पर एक दूसरे के साथ जुड़ रहे है ये चीनी के लिए किसी ख़तरे की घंटी से कम नहीं.

Tags: Australia, Indian Airforce, Japan, Quad alliance

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