In this fair of dausa dry red chillies are traded – News18 हिंदी

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रिपोर्ट-कालूराम जाट
दौसा. भला वसंत की रूमानी बयार का सूखी लाल मिर्च से क्या वास्ता. वसंत यानि फूलों की बहार, मस्त मगन मन और इस बीच कोई ले दे लाल मिर्च का नाम तो मानो सारा मजा ही खराब हो जाए. लेकिन राजस्थान के दौसा शहर का वसंत के इस मौसम में लाल मिर्च से गहरा नाता है.

दौसा में वसंत पंचमी मेला शुरू हो गया है. ये एक महीने तक चलेगा. ये कहने को वसंत मेला है लेकिन इसमें व्यापार होता है. व्यापारी दूर-दूर से अपना व्यापार करने आते हैं. मजेदार बात ये है कि वसंत मेले में सूखी मिर्च का व्यापार होता है. यहां पर सुखी लाल मिर्च की खुले बाजार से कई गुना ज्यादा खपत होती है. इस मेले में मिलने वाली सूखी लाल मिर्च बहुत ज्यादा पसंद की जाती है. लोग दूर-दूर से आकर इसे ले जाते हैं. सालभर के मिर्च का व्यापार यहां होता है.

1 महीने में सालभर का धंधा
वसंत मेले में करीब 10 साल से मिर्च का व्यापार करने आ रहे परशुराम बताते हैं दौसा में वसंत पंचमी पर लगने वाले इस मेले में सबसे ज्यादा सुखी लाल मिर्च का व्यापार होता है. यहां मिर्च इतना बिकती है कि व्यापारी सालभर का करीब 50 फीसदी व्यापार इसी मेले में कर लेते हैं. इस मेले में व्यापारी अपने व्यापार का 50% धंधा इसी मेले से कर जाते हैं. घर में इस्तेमाल की बात हो या होटलों में ग्राहक भी सालभर की मिर्च यहीं से लेकर जाते हैं. परशुराम बताते हैं यहां अलग अलग क्वालिट की सूखी लाल मिर्च 150 रुपए से लेकर 400 रुपए किलो तक में उपलब्ध है. खासियत ये है कि इस मिर्च में किसी तरह की मिलावट नहीं रहती. हाथों से पीसकर रसोई में उपयोग में लेते हैं.

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मिर्च की ये है खासियत
इस मेले में भरतपुर और मथुरा की लाल मिर्च बिकने आती है. मेले में रोज 200 से 300 किलो मिर्च की खपत हो रही है. इस मिर्ची के लिए कहा जाता है यहां की मिर्च में बीज ज्यादा रहते हैं इसलिए वो लंबे समय तक खराब नहीं हो पाती. इसकी सुगंध भी काफी तीखी रहती है. दूसरी ओर बिना बीज की मिर्ची भी यहां पर आती है उसके रेट कम रहते हैं लेकिन वो ज्यादा दिन नहीं टिक पाती.

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