If you want to get gold teeth then know the cost, expert told many benefits of getting gold teeth – News18 हिंदी

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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: बॉलीवुड की फिल्मों में विलेन के दांतों में आपने सोने का दांत तो देखा ही होगा. यही नहीं पुराने जमाने में बड़े बुजुर्ग भी सोने का ही दांत लगवाना ज्यादा पसंद करते थे. लेकिन क्या सोने का दांत आज भी बनता है या नहीं और अगर बनता है, तो इसकी कितनी कीमत आती है.

किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के डेंटल विभाग की प्रोफेसर हेड डॉ. प्रोमिला वर्मा ने बताया कि पूरे भारत में सिर्फ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही सोने का दांत बनाया जाता है. खोखले दांतों में सोने की फिलिंग करने के साथ ही सोने की कैप भी मरीजों की डिमांड पर बनाई जाती है. पूरे देश में सिर्फ यहीं पर यह सुविधा होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इसके लिए जापान से एक खास औजारों की किट मंगाई गई थी. ये किट सिर्फ केजीएमयू में ही है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आज भी लोगों में सोने की फिलिंग और सोने का कैप लगवाने का क्रेज है. लेकिन थोड़ा महंगा होने की वजह से लोग बचते हैं इसे लगवाने से, क्योंकि उनको इसके फायदे नहीं पता होते हैं.

24 कैरेट सोने का ही होता है इस्तेमाल

प्रोफेसर प्रोमिला वर्मा ने बताया कि डेंटल विभाग में अपनी खुद की लैब है. यहीं पर 24 कैरट सोने का ही इस्तेमाल खोखले दातों की खास फिलिंग करने के साथी कैप बनाने में किया जाता है, क्योंकि 24 कैरेट सोना पतला होता है और मुलायम होता है. इसको हर एक तरह से खींच सकते हैं और आकार दे सकते हैं. सोने की कैप या सोने की फिलिंग पूरी तैयार करने में एक दिन का वक्त तो लगता ही है. 24 कैरेट सोने का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है. खाने में हमेशा 24 कैरेट सोने का ही लोग इस्तेमाल करते हैं.

इतनी होती है कीमत

उन्होंने बताया कि अगर किसी को पूरा कैप सोने का लगवाना होता है तो निर्भर करता है कि 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम या प्रति ग्राम किस भाव का चल रहा है और अगर किसी को सिर्फ खोखले दातों में उसकी फिलिंग करनी होती है तो वो चार से पांच हजार में हो जाती है.

सोने के दांत के फायदे

प्रोफेसर प्रोमिला वर्मा ने बताया कि सोने का दांत या सोने की फिलिंग लगवाने के फायदे यह होते हैं कि यह जिंदगी भर खराब नहीं होता है. इसका रंग हमेशा बना रहता है और सोना कभी खराब नहीं होता है. अगर दांत आपका निकल भी गया तो भी इसका इस्तेमाल दोबारा किया जा सकता है जबकि दूसरे किसी भी मेटल का इस्तेमाल दोबारा नहीं किया जा सकता और सोने के भाव हमेशा बढ़ते ही हैं तो ऐसे में मरीज को सोने का दांत या सोने की फिलिंग करने के तमाम फायदे होते हैं.

पुरानी ज्वेलरी से भी बनवा सकते हैं

प्रोफेसर प्रोमिला वर्मा ने बताया कि अगर कोई अपनी पुरानी ज्वेलरी या जेवर लाकर देता है, तो उससे भी सोने का दांत बनाया जा सकता है या उसकी फिलिंग की जा सकती है. उन्होंने बताया कि सोने को गलाने से लेकर उसे पीटने तक का काम यहीं केजीएमयू की लैब में ही होता है. सब कुछ मरीज के सामने होता है जिस वजह से मरीज को भी कोई दिक्कत नहीं होती है.

लगवाने के लिए ऐसे करें संपर्क

प्रोफेसर प्रोमिला वर्मा ने बताया कि अगर किसी को यह दांत लगवाने हैं, तो वो किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डेंटल विभाग की पुरानी ओपीडी या नई ओपीडी दोनों में से किसी में आ सकते हैं. 6 दिन यह ओपीडी चलती है और सीधा उनके पास जाकर इसकी पूरी जानकारी भी ले सकते हैं.

Tags: Health, Hindi news, Local18

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