Health : दारू बनी तो सुरूर चढ़ेगा, दवा बन गयी तो हिलते दांत भी हो जाएंगे दुरुस्त, आखिर ये पेड़ है या चमत्कार!

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रिपोर्ट-आशीष कुमार
पश्चिम चम्पारण. जिस चीज से शराब बने उसकी चर्चा ज्यादा होती है. मयखाने में कद्रदान भी बहुत होते हैं. लेकिन उसमें अगर सुरूर के साथ औषधीय गुण भी छुपे हों तो बात ही क्या है. हम महुआ की बात कर रहे हैं. ये एक चमत्कारी पेड़ है. इसकी छाल से लेकर फूल तक सब काम के हैं. जानकार कहते हैं इसका पेड़ तो एक चमत्कार है.

पुराने जमाने मे लोग महुआ का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में करते थे. आयुर्वेद में महुआ का इस्तेमाल बहुत सी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है. कहते हैं ये अनगिनत औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके पत्ते से लेकर बीज और छाल तक औषधीय गुणों से भरपूर हैं. मेडिसिनल प्लांट्स के जानकार रविकांत पांडे बताते हैं दांतों के दर्द और हिलते की समस्या से निजात पाने के लिए महुआ रामबाण है. इसके पेड़ की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही शरीर में कमजोरी, खून की कमी, विटामिन डी और कैल्शियम सहित दर्जनों पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए भी इसके फल और बीज खाए जाते हैं.

हिलते दांत को भी कर देगा सेट
मेडिसिनल प्लांट्स के जानकार रविकांत पांडे बताते हैं महुआ एक ऐसा पेड़ है जिसकी छाल, फल और बीज तक में औषधीय गुण पाए जाते हैं. यदि कोई व्यक्ति दांत दर्द और दांत हिलने की समस्या से परेशान है और डॉक्टर्स ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं, तो महुआ की फिर सहारा है. इसके पेड़ की छाल से सिर्फ 15 दिन तक गार्गल करने से चमत्कार सा हो जाएगा. ढाई सौ ग्राम महुआ की छाल को करीब एक लीटर पानी में खूब उबाल कर रख लें. फिर उस पानी से 15 दिन तक गार्गल करें. यकीन मानिए जिस दांत को डॉक्टर्स ने भी उखाड़ने की सलाह दी है, उस हिलते सड़ते दुखते दांत को भी ये पूरी तरह सेट कर देगा.

गठिया, स्किन डिजीज, मधुमेह और अल्सर में कारगर
रविकांत पांडे कहते हैं महुआ की छाल, टॉन्सिलिटिस, मसूड़ों की परेशानी, मधुमेह और अल्सर के लिए भी काफी उपयोगी है. इसकी पत्तियों में एल्कलॉइड, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, सैपोनिन, टैनिन, ट्राइटरपीनोइड्स जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो इन समस्याओं का निवारण करते हैं. गठिया के दर्द और सूजन को दूर करने के लिए भी महुआ की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं. महुआ की छाल को पानी में उबाल कर इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं. आप चाहें तो महुआ के तेल से जोड़ों की मालिश भी कर सकते हैं. जिन लोगों को स्किन की दिक्कत है, उनके लिए भी महुआ बहुत फायदा करता है. इसके लिए महुआ के पत्तों के साथ तिल का तेल मिलाकर पकाएं और दाद, खाज, खुजली एवं रैशेज होने पर त्वचा पर लगाएं. इससे कुछ ही दिनों में एग्जिमा समेत अन्य स्किन की बीमारियां भी ठीक हो जाएंगी.

(Disclaimer: चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंगशुई आदि विषयों पर आलेख अथवा वीडियो समाचार सिर्फ पाठकों/दर्शकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों/दर्शकों तक महज सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी. Local 18 इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है.)

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