Explainer: क्‍या गहरी नींद में सीखी जा सकती हैं नई चीजें, क्‍या कहता है विज्ञान?

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Learn while Sleeping: अमेरिका का लोकप्रिय कार्टून शो ‘डेक्‍सटर की प्रयोगशाला’ के एक एपिसोड में दिखाया गया था कि डेक्‍सटर रातों-रात नींद में फ्रेंच लैंग्‍वेज सीखने की कोशिश करता है. इसके लिए डेक्‍सटर एक ऐसा उपकरण बनाता है, जो उसके सोने के समय फ्रेंच वाक्‍यांशों को बजाता है ताकि वह नींद में ही लैंग्‍वेज सीख सके. हालांकि, ये कॉमेडी शो है, इसलि डेक्‍सटर का उपकरण ‘ओमेलेट डू फ्रॉमेज’ पर अटक जाता है. इसलिए वह अगले दिन फ्रेंच के ज्‍यादा सेंटेंस नहीं बना पाता है. लेकिन, क्‍या आपको पता है कि नींद में सीखने के इस विचार ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों और कलाकारों को इस दिशा में काम करने को मजबूर किया है.

सोचिए! आप अपनी जरूरत की बातें नींद में ही सीख जाएं और अपने काम को बेहतर बना सकें. अब सवाल ये उठता है कि हमारे सोचने से क्‍या होता है? क्या वास्‍तविकता में ये संभव है कि हम नींद में नई चीजें सीख करें और जागने पर उसका अपने जीवन में इस्‍तेमाल कर सकें. कुछ नए शोध कहते हैं कि ये संभव है. वहीं, कुछ वैज्ञानिक ये जानने के काफी करीब पहुंच गए हैं कि सोते समय हमारे दिमाग में क्या चल रहा होता है और आराम की स्थिति सीखने व नई यादों को बनाने की प्रक्रिया पर कैसे असर डालती है.

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कैसी नींद नई चीजें सीखने के लिए जरूरी
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि नॉन-रैपिड आई मूवमेंट (REM) नींद या बिना सपनों वाली नींद यादाश्‍त को मजबूत करने के लिए अहम है. यह भी पाया गया कि गैर-आरईएम नींद के दूसरे चरण में एक इलेक्ट्रोएंसेफलोग्राम (EEG) पर देखी जा सकने वाली दोलनशील मस्तिष्क गतिविधि में स्लीप स्पिंडल या अचानक स्पाइक्स यादों को जुटाने में अहम भूमिका निभाती है. वैज्ञानिक सुनाई देने वाले संकेतों का इस्‍तेमाल कर कुछ यादों को खासतौर पर टारगेट करने और उन्हें फिर से सक्रिय करने या मजबूत करने में भी सक्षम रहे हैं.

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बिना सपनों वाली नींद यादाश्‍त को मजबूत करने के लिए अहम है.

वैज्ञानिकों अध्‍ययनों के दौरान मिली इन उपलब्धियों के पीछे के तंत्र को लेकर अब तक स्‍पष्‍ट नहीं हैं. शोधकर्ता ये भी नही समझ पाए हैं कि क्या ऐसे तंत्र नई जानकारी को याद रखने में मदद करेंगे. इसलिए शोधकर्ताओं की एक टीम इस दिशा में जांच करने में जुटी है. यूनाइटेड किंगडम में यॉर्क यूनिवर्सिटी से स्कॉट केर्नी ने बर्मिंघम विश्वविद्यालय में काम करने वाले बर्नहार्ड स्टारेसिना के साथ शोध का सह-नेतृत्व किया है.

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मेमोरी कंसॉलिडेशन में स्पिंडल्‍स की भूमिका
केर्नी ने कहा, ‘हमें विश्‍वास कि नींद के दौरान मस्तिष्क में यादें फिर से सक्रिय हो जाती हैं. लेकिन, हम इस घटना को कम करने वाली तंत्रिका प्रक्रियाओं को नहीं जानते हैं.’ वह कहते हैं कि पिछले शोधों में स्लीप स्पिंडल्स को यादाश्‍त के लिए नींद के फायदों से जोड़ा गया है. इसलिए हम जांच करना चाहते थे कि क्या ये मस्तिष्क तरंगें पुनर्सक्रियन में मध्यस्थता करती हैं. अगर वे तरंगे स्मृति पुनर्सक्रियन का समर्थन करती हैं, तो हमारा तर्क है कि इन स्पिंडल्‍स के समय दिमाग के लिए स्मृति संकेतों को समझना संभव हो सकता है. अपनी परिकल्पना का परीक्षण करने के लिए केर्नी और उनके सहयोगियों ने 46 प्रतिभागियों से नींद की झपकी से पहले वस्तुओं या दृश्यों के शब्दों व चित्रों के बीच जुड़ाव सीखने को कहा.

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कैसे किया गया प्रतिभागियों पर प्रयोग
केर्नी ने बताया कि कुछ प्रतिभागियों ने 90 मिनट की नींद ली, जबकि बाकी जागते रहे. झपकी लेने वालों में तस्‍वीर के जरिये नई सीखी गई यादों के पुनर्सक्रियन को ट्रिगर करने के लिए नींद के दौरान आधे शब्द को दोहराया गया. जब प्रतिभागी नींद के बाद जागते हैं तो हमने उन्हें फिर से शब्दों के साथ पेश किया. फिर उन्हें वस्तु और दृश्य चित्रों को याद करने के लिए कहा. हमने पाया कि उनकी याददाश्त उन तस्वीरों के लिए बेहतर थी जो नींद में सुनाए गए शब्दों से जुड़ी थीं. एक ईईजी मशीन के जरिये शोधकर्ता ये भी देखने में सक्षम थे कि यादों को फिर से सक्रिय करने के लिए सुनाए गए शब्दों ने प्रतिभागियों के दिमाग में स्पिंडल्‍स को सक्रिय किया. ईईजी स्लीप स्पिंडल पैटर्न ने बताया कि प्रतिभागी वस्तुओं से संबंधित यादों को संसाधित कर रहे थे.

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स्पिंडल नींद के दौरान प्रासंगिक यादाश्‍त के प्रसंस्करण की सुविधा देते हैं.

सोते समय अपनी याददाश्त कैसे बढ़ाएं
स्‍टारेसिना करते हैं कि डाटा के मुताबिक, स्पिंडल नींद के दौरान प्रासंगिक यादाश्‍त के प्रसंस्करण की सुविधा देते हैं. यह प्रक्रिया हमारी यादाश्‍त को बढ़ाती है. पहले सिर्फ ये पता था कि टारगेटेड मेमोरी रीएक्टिवेशन नींद के दौरान यादाश्‍त को बढ़ावा दे सकता है. अब हमें पता चला है कि स्‍लीप स्पिंडल्‍स तंत्र का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं. केर्नी कहते हैं कि जब आप जागते हैं तो नई चीजें सीखते हैं, लेकिन जब आप सोते हैं तो आप उन्हें मजबूत करते हैं. इससे उन नई सीखी चीजों को जरूरत पड़ने पर याद करना काफी आसान बन जाता है. यह महत्वपूर्ण है कि हम कैसे सीखते हैं. वहीं, ये भी अहम है कि हम स्वस्थ मस्तिष्क कार्यों को बनाए रखने में कैसे मदद कर सकते हैं. स्टारसीना का सुझाव है कि इस नए ज्ञान से सोते समय यादाश्त बढ़ाने के लिए प्रभावी रणनीतियां बनाई जा सकती हैं.

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