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रिपोर्ट-अनूप पासवान
कोरबा. छत्तीसगढ़ यानि घने जंगल, नदी और पहाड़. इसलिए सांप और जंगली जानवर यहां होना लाजिमी है. आम दिनों में भी यहां सांप के काटने की घटनाएं बहुत होती रहती हैं. लेकिन सांप के प्रति डर और इलाज में अज्ञानता के कारण कुछ लोग बेमौत मारे जाते हैं.

अगर बात करें कोरबा जिले की, तो यहां का जंगल बेहद समृद्ध है. यही कारण है यहां अनेक प्रजाति के जंगली जीव जंतु पाए जाते हैं. यहां कई विलुप्त प्रजाति के सांपों के अलावा, सबसे बड़ा विषधर कहा जाने वाला किंग कोबरा भी पाया जाता है. सांपों के संरक्षण के लिए यहां बहुत जल्द ही एक स्नेक पार्क बनाया जायेगा. इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है. वनांचल क्षेत्र होने के कारण यहां सर्पदंश के मामले भी ज़्यादा हैं.

डरे नहीं बचाव करें
सांप को देखते ही लोगों की हालत खराब हो जाती है, लोग डर जाते हैं और हड़बड़ी में गड़बड़ी कर बैठते हैं. इससे या तो सांप को मार दिया जाता है या सांप व्यक्ति को काट लेता है. सांपों के संरक्षण और सर्पदंश से लोगों को बचाने के लिए जिले में काम कर रही स्नैक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी से Local 18 की टीम ने बातचीत की.

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मार्च अप्रैल में भी बहुत काटते हैं सांप
सांपों के संरक्षण के लिए काम कर रहें जितेंद्र सारथी ने बताया कि वैसे तो सर्प किसी भी समय नज़र आ जाते हैं. लेकिन सर्पदंश के अधिक मामले बरसात के मौसम में होते हैं. इसके साथ-साथ मार्च और अप्रैल का महीना सांपों का प्रजनन काल होता है. इसलिए इस समय भी सर्पदंश के मामले सुनने या देखने को मिलते हैं. अक्सर सांप गर्मी से बचने ठंडी जगह तलाश करते हुए रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं. घर की ठंडी जगह पर अपना ठिकाना बना लेते हैं. इस वजह से भी शहरी इलाकों में सांप के काटने के ज्यादातर मामले सामने आते हैं.

सांप से ऐसे करें बचाव
जितेंद्र सारथी ने बताया जब भी आपका सामना किसी सांप से हो, तो घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है. दिमाग को शांत रखें और सांप से पर्याप्त दूरी बना लें. सबसे पहली बात कोशिश करें, कि शांति बनाए रखें. सांप की दिशा में अचानक कोई हरकत न करें. ऐसा करने से सांप अपने बचाव के लिए आक्रामक हो जाते हैं. एक बात जान लें कि सांप आपके आसपास नहीं आना चाहते है. अगर उन्हें तंग करेंगे तो वो अपने बचाव के लिए हमला करते हैं. कई बार तेज आवाजें सांप को अपने रास्ते से हटाने में आपकी मदद कर सकती हैं. वह डरकर भाग सकता है. लेकिन ऐसा करते समय दूरी बनाकर रखें. सांपों के कान नहीं होते, लेकिन कंपन के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं. तेज आवाज से सांप को अधिक शांत जगह पर भागने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

सांप के काटने पर क्या करें
सर्प मित्र जितेंद्र सारथी ने बताया सांप के काटने पर तबियत बिगड़ने का इंतजार नहीं करें, बल्कि इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए मरीज को अस्पताल ले जाएं. जहां डॉक्टरों की निगरानी में एंटी वेनम का डोज दिया जाएगा. जिस जगह सांप ने काटा है, उस स्थान को बिल्कुल नहीं हिलाएं. ब्लीडिंग होने पर खून को बहने दें. सांप के काटे गए स्थान पर चीरा बिल्कुल भी ना लगाएं. एक बात का भी ध्यान रहे, आजकल सभी के पास स्मार्टफोन होता है. इसलिए जब भी सांप काटे तो उसका एक फोटो जरूर ले लें. इसका फायदा ये होगा कि उसे देखकर डॉक्टर सांप की प्रजाति और वो कितना जहरीला है इसके आधार पर एंटी वेनम डोज दे सकता है.

Tags: Korba news, Snakebite, Wildlife news in hindi

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